दंतेश्वरी मन्दिर की मरम्मत के लिए पहुंचा पुरातत्व विभाग का दल
केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अफसरों ने किया निरीक्षण, काष्ठ मंडप के लिए लकड़ी की तलाश, गर्भगृह व मुक्ति मंडप की छत की भी होगी मरम्मत
केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अफसरों ने किया निरीक्षण
दंतेवाड़ा . ऐतिहासिक धरोहर व शक्तिपीठ दंतेश्वरी मंदिर की मरम्मत करने केंद्रीय पुरातत्व विभाग का दल सोमवार को दंतेवाड़ा पहुंचा। दल ने मरम्मत करने वाले इंजीनियरों, तकनीशियनों के ठहरने और साजो सामान की व्यवस्था के बारे में स्थानीय प्रशासन से जरूरी सहयोग मांगा।
ज्ञात हो कि पत्रिका ने मंदिर के काष्ठ स्तंभों और लकड़ी की संरचनाओं के घुन व दीमक के चलते कमजोर होने और मरम्मत में अनावश्यक हो रही देरी को लेकर 30 मार्च को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के प्रकाशन के बाद पुरातत्व विभाग हरकत में आया। इस बीच कलेक्टर दीपक सोनी ने केंद्रीय पुरातत्व विभाग से संपर्क साधकर मरम्मत का कार्य तत्काल शुरू करने को कहा था। नतीजतन, सोमवार 2 मई को रायपुर से आए केंद्रीय पुरातत्व विभाग आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रभारी राहुल तिवारी के नेतृत्व में विभाग के संरक्षण सहायक व इंजीनियरों ने इस धरोहर का निरीक्षण किया। एसडीएम व टेंपल कमेटी सचिव अबिनाश मिश्रा व तहसीलदार यशोदा केतारप से इस संबंध में चर्चा करते तिवारी ने बताया कि मरम्मत का काम जल्द से जल्द शुरू होगा और यह काम बारिश से पहले पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने मंदिर परिसर के सामने वाले हिस्से के काष्ठ निर्मित मंडप की मरम्मत के लिए सागौन के काष्ठ की उपलब्धता के सिलसिले में एसडीएम मिश्रा से सहयोग मांगा। इसके लिए 9 घनमीटर यानि लगभग एक ट्रक सागौन के काष्ठ की जरूरत बताई। इस पर एसडीएम ने स्थानीय वन काष्ठागार से लकड़ी उपलब्ध करवाने की बात कही। इसके बाद पुरातत्व विभाग के अफसरों ने वन विभाग के अफसरों से भी मुलाकात की।
चूने से होगी छत की मरम्मत
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह, महामंडप और मुक्ति मंडप की छत चूने से निर्मित है, जिसमें कांक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मरम्मत के लिए लाइम स्टोन मंगवाया गया है। इस हिस्से में छत से पानी रिसने की समस्या लंबे समय से आ रही है। इस बार मंदिर के पूरे हिस्से की एक साथ मरम्मत की जाएगी। वहीं, सामने वाले हिस्से में काष्ठ निर्मित मंडप के 9 स्तंभ ही खराब हैं, जिन्हें बदला जाएगा। इसके अलावा जरूरत के मुताबिक लकड़ी के बत्ते से निर्मित जालियों की भी मरम्मत की जाएगी।
मरम्मत तक दूर से ही दर्शन कर सकेंगे श्रद़्धालु
पुरातत्व विभाग के अफसरों ने बताया कि मरम्मत होने तक मंदिर के मुक्तिमंडप,महामंडप वाले हिस्से में श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सकेंगें। दर्शन पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जाएगी। लकड़ी वाले मंडप के द्वार से ही दर्शन करने की व्यवस्था रहेगी।
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