Amit Shah on Naxal: 2026 तक खत्म कर देंगे नक्सलवाद.. अमित शाह के बयान के बाद बस्तर में आर्मी की एंट्री
Amit Shah on Naxal: जगदलपुर में विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले अबूझमाड़ इलाके को नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है। नक्सली इस इलाके के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। अब यहां पर आर्मी की एंट्री होने जा रही है।
Amit Shah on Naxal: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले अबूझमाड़ इलाके को नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है। नक्सली इस इलाके के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। अब यहां पर आर्मी की एंट्री होने जा रही है। बता दें कि बस्तर में ऐसा पहली बार होगा जब आर्मी का बेस यहां स्थापित होगा। अब तक नक्सल मोर्चे पर पैरामिलिट्री फोर्सेस के जवान तैनात हैं। हालांकि आर्मी यहां पर सीधे नक्सल मोर्चे पर नक्सलियों से लडऩे के लिए नहीं आ रही है।
Amit Shah on Naxal: बताया जा रहा है कि आर्मी के मेनुवर रेंज की स्थापना के लिए यहां जमीन तलाशी जा रही है। आर्मी के जवान विषम परिस्थितियों में युद्ध कौशल सीखते हैं और अबूझमाड़ के घने जंगल-पहाडिय़ां इसके लिए उपयुक्त हैं इसलिए यहां पर आर्मी ने 54 हजार 543 हेक्टेयर भूमि यहां पर मांगी है। शासन ने नारायणपुर कलेक्टर से जमीन की सर्वे रिपोर्ट मांगी है ताकी मेनुवर रेंज की स्थापना हो सके। कहा जा रहा है कि आर्मी यहां चाहे जिस भी मकसद से यहां आए नक्सलियों (Naxal) की सांसे जरूर फूलने वाली है। वैसे ही नक्सलियों के लिए अबूझमाड़ में चुनौतियां हाल के दिनों में बढ़ी हैं।
Amit Shah on Naxal: गृहमंत्री शाह ने कहा था 2026 तक खत्म कर देंगे नक्सलवाद
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त को छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने रायपुर में कहा था कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद (Naxalism) खत्म कर देंगे। शाह ने छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर स्ट्रैटजी भी बनाई थी। बस्तर में आर्मी चाहे जिस भी उद्देश्य से आ रही हो उसकी आमद को अमित शाह के बयान से जोड़ा जा रहा है। शाह के लिए कहा जाता है कि वे जो कहते हैं उसे पूरा करने के लिए हर स्तर पर जाते हैं।
अबूझमाड़ का नहीं हुआ है सर्वे
4 हजार वर्ग किमी में फैले अबूझमाड़ इलाके का अब तक राजस्व सर्वे नहीं हुआ है। इस बार भी जिला प्रशासन सिर्फ शासन के कहे अनुसार सोनपुर और गारपा का सर्वे कर रहा है। अबूझमाड़ के ओरछा ब्लॉक के 36 ग्राम पंचायत के 236 ग्रामों में फैला हुआ है। लेकिन शासन के पास जमीनी स्तर पर कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। शासन ने 2008 से अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे करने की कवायद शुरू की है। लेकिन कार्यवाही सिर्फ जीपीएस सर्वे तक सीमित रह गई।
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