दीनदयाल चौक से लगी कॉलोनियों से रात होते ही भारी वाहन प्रवेश कर रहे हैं। ये वाहन कॉलोनी के रास्ते होते हुए शहर पार करके दूसरे छोर पर पहुंच रहे हैं। भारी वाहनों के चालकों ने बायपास को नजरअंदाज कर दिया है ताकि वे शहर के भीतर से होते हुए जल्दी शहर के बाहर निकल जाएं। दीनदयाल चौक से कॉलोनी जाने वाले रास्ते पर एेसे वाहन कैमरे में कैद हुए हैं, जो परचून भरे हुए थे और वे शहर से होते हुए दूसरे हिस्से में जाने की तैयारी में थे।
शहर का दीनदयाल चौक एक एेसा प्वाइंट बन गया है, जहां सुरक्षा गार्ड की निगरानी नहीं होने से भारी वाहन चालक मनमानी पर उतारू हैं। रात में नो-एंट्री खुलते ही यहां डम्फरों सहित ट्रकों का आना-जाना शुरू हो जाता है। इसी की आड़ लेकर वे भारी वाहन चालक भी प्रवेश कर रहे हैं, जो बायपास को छोड़कर शहर के अंदर से प्रवेश कर रहे हैं और जल्द शहर के दूसरे छोर तक पहुंच जाते हैं। गौरतलब है कि इन भारी वाहनों के लिए शहर के बाहर बायपास बनाया गया है लेकिन दूरी होने की वजह से वे शार्टकट रास्ता अपनाते हैं।
ये बनाया मार्ग
दीनदयाल चौराहे से प्रवेश करने के बाद भारी वाहन चालक स्टेट बैंक चौक होते हुए उखरी आ रहे हैं। उखरी से वे सीधे बल्देवबाग होते हुए पुराने बस स्टैंड के लिए रवाना हो रहे हैं। वे स्टेडियम मार्ग से सीधे शास्त्रीब्रिज पहुंच रहे हैं, जहां से वे नागपुर और मंडला मार्ग के लिए जा सकते हैं।
20 किमी फेरा बचता
जानकारों का कहना है कि मंडला मार्ग पर शहर के भीतर से प्रवेश लेने पर करीब 20 किलोमीटर का चक्कर कम हो जाता है। इसके लिए भारीवाहन चालक शहर के बीच का रास्ता चुन रहे हैं।
कोई रोकने वाला नहीं
इस मार्ग पर भारी वाहनों को रोकने वाली ट्रैफिक पुलिस नहीं रहती है। बल्देवबाग, बस स्टैंड पर प्वाइंट ड्यूटी के जवान नदारत थे।
ये था नजारा
पता पूछते हैं वाहन चालक
शहर का दीनदयाल चौक एक एेसा प्वाइंट बन गया है, जहां सुरक्षा गार्ड की निगरानी नहीं होने से भारी वाहन चालक मनमानी पर उतारू हैं। रात में नो-एंट्री खुलते ही यहां डम्फरों सहित ट्रकों का आना-जाना शुरू हो जाता है। इसी की आड़ लेकर वे भारी वाहन चालक भी प्रवेश कर रहे हैं, जो बायपास को छोड़कर शहर के अंदर से प्रवेश कर रहे हैं और जल्द शहर के दूसरे छोर तक पहुंच जाते हैं। गौरतलब है कि इन भारी वाहनों के लिए शहर के बाहर बायपास बनाया गया है लेकिन दूरी होने की वजह से वे शार्टकट रास्ता अपनाते हैं।
ये बनाया मार्ग
दीनदयाल चौराहे से प्रवेश करने के बाद भारी वाहन चालक स्टेट बैंक चौक होते हुए उखरी आ रहे हैं। उखरी से वे सीधे बल्देवबाग होते हुए पुराने बस स्टैंड के लिए रवाना हो रहे हैं। वे स्टेडियम मार्ग से सीधे शास्त्रीब्रिज पहुंच रहे हैं, जहां से वे नागपुर और मंडला मार्ग के लिए जा सकते हैं।
20 किमी फेरा बचता
जानकारों का कहना है कि मंडला मार्ग पर शहर के भीतर से प्रवेश लेने पर करीब 20 किलोमीटर का चक्कर कम हो जाता है। इसके लिए भारीवाहन चालक शहर के बीच का रास्ता चुन रहे हैं।
कोई रोकने वाला नहीं
इस मार्ग पर भारी वाहनों को रोकने वाली ट्रैफिक पुलिस नहीं रहती है। बल्देवबाग, बस स्टैंड पर प्वाइंट ड्यूटी के जवान नदारत थे।
ये था नजारा
पता पूछते हैं वाहन चालक
रात करीब 11 बजे दीनदयाल चौक पर लोडेड ट्रक ने विजयनगर कॉलोनी की ओर प्रवेश किया। ट्रक चालक आगे चलकर उखरी के समीप मंडला रोड का पता पूछता रहा। लोगों द्वारा बताने पर वह बल्देवबाग की ओर मुड़ गया, जहां से वह सीधे पुराने बस स्टैंड पहुंचा। पुराने बस स्टैंड से वह एम्पायर होते हुए मंडला रोड की ओर निकल गया।
ट्रांसपोर्ट तक पहुंचते वाहन
ट्रांसपोर्ट तक पहुंचते वाहन
ट्रांसपोर्ट नगर बनने के बाद भी बल्देवबाग के समीप ट्रांसपोर्टरों के गोदाम हैं। रात के समय बाहर से आने वाले ट्रकों को शहर के दीनदयाल चौक से अंदर ले लिया जाता है, जहां कॉलोनियों से होते हुए यह ट्रक बल्देवबाग पहुंच जाता है। यहां देर रात तक लोडिंग-अनलोडिंग की जाती है। गौरतलब है कि पास ही यहां उखरी पुलिस चौकी बनी है लेकिन यहां ऐसे वाहनों को रोका नहीं जाता है, जबकि यहां राउंड दी क्लॉक पुलिस रहती है।
कॉलोनी क्षेत्रों में भारी वाहनों के प्रवेश करने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यहां देर रात तक वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि रात के समय वाहनों की रफ्तार अधिक होने से कई बार चौंक कर सोते से उठ जाते हैं, जब किसी गड्ढे में ट्रकों का पहिया पड़ जाता है, जिससे उसमें रखे सामान की आवाज आती है। वैसे भी भारी वाहनों की वजह से इस क्षेत्र की सड़क जर्जर हो चुकी है।
दुर्घटना की आशंका
क्षत्रीय निवासी विनोद, राजू, श्रीपाल आदि का कहना है कि विजयनगर और अहिंसा चौक पर कई बार कॉलोनीवासियों के वाहन टकराते बचे हैं। दरअसल, यहां भारी वाहनों की वजह से सड़क जर्जर हो चुकी है। पास ही चौपाटी बन गई है, जिससे कॉलोनीवासियों का यहां आना-जाना लगा रहता है। दो दिन पहले ही हमारे पड़ोसी रामटहल स्कूटर से चौपाटी जा रहे थे, जहां सड़क पार करते समय अचानक भारी वाहन सामने आ गया था।
नो-एंट्री में भारी वाहनों को शहरी सीमा में छूट है, जो शहर में आते हैं। भारी वाहनों पर नजर रखी जाती है। उनके लिए बायपास बना है। यदि चोरी-छिपे एेसे ट्रक प्रवेश कर रहे हैं तो उन पर कार्रवाई होगी।
अमृत मीणा, एएसपी, यातायात
कॉलोनी क्षेत्रों में भारी वाहनों के प्रवेश करने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यहां देर रात तक वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि रात के समय वाहनों की रफ्तार अधिक होने से कई बार चौंक कर सोते से उठ जाते हैं, जब किसी गड्ढे में ट्रकों का पहिया पड़ जाता है, जिससे उसमें रखे सामान की आवाज आती है। वैसे भी भारी वाहनों की वजह से इस क्षेत्र की सड़क जर्जर हो चुकी है।
दुर्घटना की आशंका
क्षत्रीय निवासी विनोद, राजू, श्रीपाल आदि का कहना है कि विजयनगर और अहिंसा चौक पर कई बार कॉलोनीवासियों के वाहन टकराते बचे हैं। दरअसल, यहां भारी वाहनों की वजह से सड़क जर्जर हो चुकी है। पास ही चौपाटी बन गई है, जिससे कॉलोनीवासियों का यहां आना-जाना लगा रहता है। दो दिन पहले ही हमारे पड़ोसी रामटहल स्कूटर से चौपाटी जा रहे थे, जहां सड़क पार करते समय अचानक भारी वाहन सामने आ गया था।
नो-एंट्री में भारी वाहनों को शहरी सीमा में छूट है, जो शहर में आते हैं। भारी वाहनों पर नजर रखी जाती है। उनके लिए बायपास बना है। यदि चोरी-छिपे एेसे ट्रक प्रवेश कर रहे हैं तो उन पर कार्रवाई होगी।
अमृत मीणा, एएसपी, यातायात