जबलपुर

यहां सबसे समृद्ध जंगल फिर भी चली जाती है जंगली जानवरों की जान

यहां सबसे समृद्ध जंगल फिर भी चली जाती है जंगली जानवरों की जान

जबलपुरDec 01, 2023 / 02:36 pm

Lalit kostha

wild animal

जबलपुर . चारों ओर से प्राकृतिक वातावरण से घिरी हुई संस्कारधानी में जानवरों के पुनर्वास केंद्र का अभाव बड़ी समस्या बनता जा रहा है। नदी, जंगल, पहाड़ सभी कुछ उपलब्ध है। यही वजह है कि यहां वाइल्ड एनिमल भी अच्छी खासी संख्या में है और जब-तब खेत खलिहान, सडक़ों में विचरण के दौरान दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। इनको वेटरनरी युनिवर्सिटी में उपचार तो मिल जाता है लेकिन रिहैबिलिटेशन सेंटर की व्यवस्था नहीं है। वन विभाग भी इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वन्यजीवों को उपचार के दौरान रखने में खासी परेशानी उठानी पड़ती है। शहर में इस तरह का कोई भी पुनर्वास केंद्र न होने के कारण जानवरों को किसी तंग कमरे में या फिर लोहे के पिंजरे के अंदर या इस प्रकार की अन्य जगह में रखना पड़ता है।


पुनर्वास के अभाव में कई जानवरों की चली जाती है जान
जंगली जानवरों के पुनर्वास केंद्र की कमी, उपचार के बाद रखना बड़ी समस्या

 

प्राकृतिक रहवास में जल्दी होते हैं स्वस्थ

विशेषज्ञों के अनुसार जंगली जानवर के उपचार के दौरान जल्दी स्वस्थ होने के लिए यह आवश्यक है कि जानवर के लिए उनके जैसा ही प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराया जाए। इससे उनके स्वास्थ्य में सुधार की क्षमता भी चालीस फीसदी ज्यादा होती है। परिस्थितियों के अभाव में उनके ठीक होने में लंबा वक्त लग जाता है।

यह मामले आए सामने

– कुछ माह पहले दमोह से एक हाथी के उपचार के दौरान रखने में काफी परेशानी हुई। कोई भी जगह न होने के कारण उसे अधारताल स्थित एक मैदान में रखा गया वहीं पर इसका इलाज भी चला।

– मंडला जिले से आए एक लेपर्ड को रखने की समस्या से एसडब्ल्यूएफएच सेंटर को जूझना पड़ा। तेंदुआ को वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए एक पिंजरे में रखकर ट्रीटमेंट करना पड़ रहा है। सीमित जगह के चलते तेंदुआ भी मूवमेंट नहीं कर पा रहा था।

– पिछले दिनों खमरिया क्षेत्र में एक चीतल की मौत हो गई। चीतल को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। घायल अवस्था में चीतल घंटो कराहता रहा।

– दो माह पूर्व कटंगा में एक बंदर करंट लगने जमीन पर गिरकर घायल हो गया। उसका उपचार वेटरनरी चिकित्सकों से कराया गया।

 

यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। इस दिशा में किस तरह से प्रयास किया जा सकता है विचार किया जाएगा। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा।
– ऋषि मिश्रा, वन मंडल अधिकारी

वन्य जीवों के लिए सुपीरियर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाती है। निश्चित ही वन्यजीवों के उपचार के लिए पुनर्वास केंद्र होना चाहिए। इस दिशा में वन विभाग एवं प्रशासन को आगे आकर पहल करनी चाहिए ताकि वाइल्ड एनिमल को नैसर्गिक जगह पर सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हो सके।
– प्रो. डॉ.एसपी तिवारी कुलपति एनडीवीएसयू

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