शायद ही एेसा कोई स्कूल होगा जहां स्कूल के अंदर दुकान संचालित की जा रही हो। यह दुकान कोई स्नेक्स, चाय की नहीं बल्कि किताब कापियों को बेचने के लिए खोली गई हो। कुछ एेसा ही हुआ जबलपुर के एक नामचीन स्कूल में। यहां कमीशन की आड़ को लेकर रेयान इंटरनेशनल स्कूल शांतिनगर में स्कूल कैम्पस के अंदर ही दुकान खोल दी गई थी। बकायदे अभिभावकों को इसकी बिक्री की जाती थी। यह तब पता चला जब कलेक्टर के निर्देशन में निजी स्कूलों द्वारा किताब कापियों के नाम पर की जा रही कमीशनखोरी, मनमानी की जांच कर रही टीम स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंची और वहां दुकान देकर हैरान रह गई। इस पर अधिकारियों ने हैरानी जताई और स्कूल प्रबंधन को आड़े हाथों लिया। यह मामला रेयान हायर सेकेंडरी स्कूल शांतिनगर का है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित टीम के सदस्य सुबह के समय स्कूल की जांच करने पहुंच गए। टीम प्राचार्य चेरीताल कन्या उमावि पीके श्रीवास्तव एवं शा कन्या उमावि बरगी प्राचार्य रजनीश चड्डा पहुंचे। स्कूल परिसर में प्रवेश करते ही यहां किताब कापियां बेचने के लिए दुकान स्थापित की गई थी। इस पर निरीक्षण अधिकारी श्रीवास्तव ने तीखी नाराजगी जताई। प्राचार्य ने सफाई पेश करते हुए कहा कि अभिभावकों के कहने पर ही हमने दुकान लगाने की जगह दी है। अभिभावकों को किताब कापियां लेने के लिए हमने अधिकृत नहीं किया है। प्राचार्य ने कहा कि यदि अभिभावक आग्रह करते हैं तो हम उन्हें किताबें उपलब्ध कर देते हैं।
नोटिस बोर्ड की जांच करने पर उसमें किताबों की फर्म की सूची चस्पा नहीं की गई थी। सदस्यों ने स्कूल से जुड़ी फीस, छात्रों की संख्या, मान्यता आदि से जुड़े कागजातों की जांच की।
स्मॉल वंडर में बदली मिली सूची बल्देवबाग स्थित स्मॉल वंडर स्कूल में निरीक्षण दल को जांच के दौरान स्कूल किताब की सूची बदली हुई मिली। बताया पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को जो किताबों की जो सूची सुपुर्द की गई थी जब उस सूची के अनुसार निरीक्षण दल ने मिलान किया तो पूर्व की सूची और वर्तमान की सूची में किताबों में अंतर पाया गया। जांच टीम ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। इसका सीधा कनेक्शन कहीं कमीशन से तो नहीं जुड़ा है। स्कूल के नोटिस बोर्ड, फीस आदि की जानकारी प्राचार्य संगीता ग्रोवर से ली गई। इसी तरह टीम विजय नगर स्थित नचिकेता स्कूल पहुंची। यहां भी अभिभावकों से जुड़ी शिकायतों की जांच की गई।
क्राइस्ट चर्च, सेंट एलायसियस की जांच ही नहीं एक और प्राचार्यों ने जहां निजी स्कूलों का निरीक्षण किया वहीं कुछ प्राचार्यों ने निरीक्षण करने की जेहमत ही नहीं उठाई। कन्या ब्यौहारबाग उमावि प्राचार्य सुनील शर्मा, घमापुर उमावि प्राचार्य सुधीर उपाध्याय को क्राइस्टचर्च, सेंट एलायसियस सदर, सेंट थॉमस सदर, सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल सदर का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन यह निकले ही नहीं। इन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दूसरे कार्य में लगाया गया है जिससे वे निरीक्षण करने नहीं जा पाए। जबकि तीन दिनों के अंदर निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे।
-सभी प्राचार्यों को जांच करने के निर्देश दिए हैं। यदि निरीक्षण नहीं किया गया है तो यह गलत है। इसकी जानकारी ली जाएगी। -सुनील नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी