जबलपुर

पत्रिका ‘जन’ की आवाज, आम मुद्दों पर एमपी हाई कोर्ट सख्त, अफसरों से मांगा जवाब

MP High Court: ‘पत्रिका’ ने जनसरोकारों को आगे रखते उठाए मुद्दे, इन पर जनसंगठन उठ खड़े हुए और न्याय के लिए कोर्ट में लगाईं जनहित याचिकाएं, अब हाई कोर्ट सख्त, यहां जानें कोर्ट ने एमपी के अफसरों से किन मुद्दों पर मांगा जवाब

जबलपुरJan 30, 2025 / 10:57 am

Sanjana Kumar

MP High Court
MP High Court: जनसरोकारों को आगे रखते हुए पत्रिका लगातार ऐसे मुद्दे उठाता रहा है, जिनसे आम आदमी के जीवन में बेहतर बदलाव हो। फिर चाहे हरियाली बचाने की कवायद हो या फिर नियमों को ताक पर रखकर बीच राह लगाए गए होर्डिंग और यूनिपोल ही क्यों न हो। ‘पत्रिका’ ने इस मुद्दों को उठाया तो जनसंगठन उठ खड़े हुए और न्याय के लिए कोर्ट में जनहित याचिकाएं लगाईं। अब इस पर कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं।

टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन पर टीएंडसीपी से जवाब तलब

टेलीकॉम फैक्ट्री की हरित क्षेत्र (ग्रीन लैंड) की पहचान बनाए रखने की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने टीएंडसीपी से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने कहा, 4 सप्ताह में नगर एंव ग्राम निवेश विभाग (टीएंडसीपी) ने जवाब नहीं दिया तो विभाग के निदेशक को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में स्पष्टीकरण देना होगा।
याचिका में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने फैक्ट्री की शहर के बीच स्थित भूमि को मास्टर प्लान में ग्रीन लैंड में शामिल करने की मांग रखी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया, पहले भी विभागों को आवेदन दिए गए, पर कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट ने पहले भी मामले में जवाब मांगा था, लेकिन जवाब पेश नहीं किया गया।

बीच राह लगे यूनिपोल पर दो सप्ताह में निगम पेश करेगा जवाब

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने जबलपुर नगर निगम को अंतिम मौका देते हुए दो सप्ताह में होर्डिंग- यूनिपोल मामले में जवाब मांगा है। ऐसा न होने पर जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट ने हैरानी जताई कि सितंबर 2024 में नोटिस के बाद भी जवाब क्यों नहीं दिया। अब सुनवाई 3 मार्च को होगी।
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में लगाए यूनिपोल और होर्डिंग्स पर जिला प्रशासन और निगम से रिपोर्ट मांगी थी। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने अवैध होर्डिंग्स और यूनिपोल लगाने को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा, 2017 में मप्र आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम लागू किए गए। इनके तहत यदि फुटपाथ नहीं है, तो सड़क किनारे तीन मीटर दायरे में यूनिपोल या होर्डिंग्स लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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