अखंड सौभाग्य के लिए पूजन वट सावित्री पूजा में महिलाएं दिन भर व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। पूजा के बाद बरगद की १०८ बार परिक्रमा कर व्रत रखनेवाली महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि बरगद के पेड़ के नीचे ही माता सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले लिए थे। सुबह स्नान कर महिलाएं सोलह श्रंगार करती हैं और सावित्री को देवीस्वरूप मानकर उनकी पूजा करती हैं। बरगद की पूजा और परिक्रमा के बाद ही महिलाएं कुछ भोजन ग्रहण करती हैं।
पुरुषोत्तम माह कल से होगा शुरू
धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुरुषोत्तम माह बुधवार से प्रारम्भ होगा। पुरुषोत्तम माह में वैवाहिक कार्यक्रम नहीं होंगे। जबकि, पूजा, जप, तप की प्रधानता है। शास्त्रों के अनुसार तीन वर्ष में एक बार पडऩे वाले पुरुषोत्तम माह में एक माह आराधना करने वाले भक्तों को वर्ष भर की तपस्या का फल प्राप्त होता है।