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जबलपुर

मृत पति की सांसें लौटा लाई ये महिला, इस पेड़ के कारण हुआ यह कमाल, देखें वीडियो

नवजीवन दिया

जबलपुरMay 15, 2018 / 02:40 pm

deepak deewan

Vat Savitri Vrit-

Vat Savitri Vrit-

जबलपुर। मंगलवार को वट वृक्षों के आसपास बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित हुईं। शहर भर में वट वृक्षों के इर्द-गिर्द महिलाओं का हुजूम नजर आया। वट सावित्री व्रत की पूजा हुई। ऐसा माना जाता है कि सावित्री ने सत्यवान को वटवृक्ष के नीचे ही नवजीवन दिया था। उन्हीं की याद में वट सावित्री पूजन किया जाता है। महिलाओं ने विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा की और अपने पति की लंबी उम्र की दुआ मांगी। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए वट सावित्री व्रत की पूजा करती हैं। १०८ परिक्रमा कर वट वृक्ष में धागा बांधेंगी। ज्योतिर्विद डॉ. सत्येन्द्र स्वरूप शास्त्री ने बताया कि वट सावित्री व्रत के प्रभाव से सती सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से वापस ले लिए थे। अक्षय तृतीया पर गुड्डे-गुडिय़ा की जो गांठें जोड़ी गई थीं उन्हें भी आज खोला गया। यह रस्म सदियों से निभाई जा रही है।
अखंड सौभाग्य के लिए पूजन

वट सावित्री पूजा में महिलाएं दिन भर व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। पूजा के बाद बरगद की १०८ बार परिक्रमा कर व्रत रखनेवाली महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि बरगद के पेड़ के नीचे ही माता सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले लिए थे। सुबह स्नान कर महिलाएं सोलह श्रंगार करती हैं और सावित्री को देवीस्वरूप मानकर उनकी पूजा करती हैं। बरगद की पूजा और परिक्रमा के बाद ही महिलाएं कुछ भोजन ग्रहण करती हैं।

पुरुषोत्तम माह कल से होगा शुरू
धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुरुषोत्तम माह बुधवार से प्रारम्भ होगा। पुरुषोत्तम माह में वैवाहिक कार्यक्रम नहीं होंगे। जबकि, पूजा, जप, तप की प्रधानता है। शास्त्रों के अनुसार तीन वर्ष में एक बार पडऩे वाले पुरुषोत्तम माह में एक माह आराधना करने वाले भक्तों को वर्ष भर की तपस्या का फल प्राप्त होता है।

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