जबलपुर

यूनेस्को विश्व धरोहरः भेड़ाघाट के मार्बल पार्क में रोका काम

2 करोड़ साल पुरानी चट्टानें,एसडीएम, तहसीलदार व सीएमओ पहुंचे मौके पर पहुंचे।

जबलपुरAug 08, 2021 / 09:45 am

Hitendra Sharma

जबलपुर. यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल भेडाघाट के मार्बल पार्क में चट्टानों को जेसीबी से चूर-चूर कर देने का मामला शनिवार को पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद हड़कंप मच गया। एसडीएम, तहसीलदार और सीएमओ ने मौका-मुआयना किया।

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मार्बल पार्क से जेसीबी और क्रेन को हटाने के साथ पाइप लाइन बिछाने का काम रोक दिया गया। ठेका कंपनी ‘द इंडियन ह्यूम पाइप लाइन कंपनी लिमिटेड ‘ के प्रतिनिधि को फटकांर लगाई। अफसरों ने कहा, पाइप लाइन बिछाने के लिए मार्बल पार्क में शिलाओं को तोड़ने के बजाय दूसरे विकल्प अपनाए जा सकते थे। हिदायत दी गई कि दोबारा भारी मशीनरी का उपयोग न हो। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि संगमरमर की चट्टानों का किसी भी हाल में क्षरण न हों।

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किसने दी शिलाएं तोड़ने की छूट?
मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी अर्बन सर्विसेज इम्पूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत लम्हेटाघाट में जल शोधन संयंत्र स्थापित करने व जलापूर्ति लाइन बिछाने का काम कर रही है। प्लांट से भेड़ाघाट में भी पानी पहुंचाने के लिए मार्बल पार्क से होकर पाइप लाइन बिछाई जा रही है। राजस्व विभाग के अधिकारियों से लेकर भेड़ाघाट नगर परिषद के जिम्मेदारों का भी कहना है कि उनसे किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई।

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अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भेड़ाघाट के अप्रतिम नैसर्गिक स्वरूप से खिलवाड़ हो रहा है। धुआंधार से महज कुछ दूरी पर मार्बल पार्क में पानी की पाइप लाइन बिछाने के नाम पर संगमरमरी चट्टानों को हथौड़े और जेसीबी से तोड़ा जा रहा था। लम्हेटा छोर पर बने पुल के ठीक किनारे की अनेक शिलाओं को चूरकर सपाट कर दिया है। कंसल्टेंट व ठेकेदार इन अत्यंत प्राचीन और दुर्लभ शिलाओं को बीते कुछ दिनों से नष्ट करने पर आमादा हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि पाइपलाइन बिछाने कांक्रीट के कॉलम खड़े किए जा सकते थे। कॉलम में पाइप लाइन को हैंग करना बेहतर विकल्प होता, लेकिन ऐसा न करके चट्टानों को तोड़ दिया गया।

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2 करोड़ साल पुरानी चट्टानें
भेडाघाट की धवल संगमरमरी चट्टान लगभग 2 करोड़ साल पुरानी बताई जाती हैं। इतिहासकार राजकुमार गुप्ता के अनुसार ये चट्टान दुनिया की सबसे पुरानी चट्टानों में शामिल हैं। इस इलाके में डायनासोर के जीवाश्म मिले थे। उन्होंने बताया कि मोहनजोडडो जैसी ऐतिहासिक फिल्म की यहां शूटिंग भी हों चुकी है। भेड़ाघाट शिल्पकला का भी बड़े केंद्र है। संगमरमर पर प्रतिमा गढ़ने में पारंगत शिल्पकारों की कला दुनियाभर के कलाप्रेमियों को लुभाती है।

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