जिला उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन नवीन कुमार सक्सेना व सदस्य सुषमा पटेल व मनोज कुमार की पीठ के समक्ष परिवादी रामपुर निवासी अधिवक्ता श्रद्धा तिवारी ने अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने बताया कि नर्मदा रोड स्थित मॉल के के फ्यूचर रिटेल लिमिटेड से वर्ष 2020 में चार हजार रुपए की सामग्री क्रय की थी। इस दौरान कैरी बैग का उन्नीस रुपए अलग से ले लिए गए थे। परिवादी ने आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन कैरी बैग की राशि जोड़कर बिल थमा दिया गया। इसके बाद अनुचित व्यापार के तहत यह परिवाद दायर किया गया।
पूर्व निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के खिलाफ जमानती वारंट
जिला अदालत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आलोक प्रताप सिंह की अदालत ने नगर निगम, जबलपुर के पूर्व आयुक्त व वर्तमान में अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया है। 22 फरवरी को उन्हें अदालत के समक्ष पेश करके वारंट की तामीली किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। मामला नगर निगम, जबलपुर के कर्मियों काे लाभ प्रदान नहीं किए जाने से सम्बंधित है।
गढ़ा निवासी उमा शंकर पटेल व माखनलाल पटेल की ओर से दलील दी गई कि आवेदक नगर निगम, जबलपुर के कर्मशाला विभाग में लिपिक बतौर पदस्थ हैं। औद्योगिक न्यायालय ने दोनों के पक्ष में राहतकारी आदेश पारित किया था। इसके तहत 45 दिवस के भीतर सेवा में नियमित कर नियमित श्रेणी का वेतनमान प्रदान करने की व्यवस्था दी थी। उप श्रमायुक्त, इंदौर ने भी दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बावजूद परिपालन नहीं हुआ। इसे लेकर आवेदक ने आदेश की प्रति सहित कई बार अभ्यावेदन दिया। फिर भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।