इमरान और सरफराज के अनुसार, एजेंट दोनों को मलेशिया अच्छी नौकरी का झांसा देकर ले गए और लेकिन उन्होंने वहां उन्हें भटकने को छोड़ दिया। किसी तरह लौटने में कामयाब रहे। शहर के रद्दी चौकी इलाके में रहने वाले इमरान अंसारी तो दो बार इस तरह के गिरोह के चंगुल में फंसकर ठगी का शिकार हो चुके हैं। इमरान के अनुसार, जनवरी 2024 में शाहनवाज नाम का एक शख्स नौकरी का झांसा देकर उन्हें अपने साथ पहले मुंबई ले गया। फिर टूरिस्ट वीजा से उसे फ्लाइट से मलेशिया ले जाया गया। यहां शाहनवाज के पास वीजा था, इसलिए एयरपोर्ट से बाहर निकलने की अनुमति मिल गई, पर इमरान को वहीं से भारत लौटा दिया गया और 48 घंटे में ही उसने जो नौकरी के ख्वाब सजाए थे, वो चकनाचूर हो गए।
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दोबारा बैंकाक के रास्ते मलेशिया पहुंचे
यही नहीं, इस तरह की ठगी के दो महीने बाद ही इमरान अंसारी दूसरे एजेंट के झांसे में आकर मार्च 2024 में चेन्नई और वहां से टूरिस्ट वीजा पर बैंकाक बुलाया। यहां दूसरे एजेंट सलीम ने उसे रहीम से मिलवाया। रहीम ने तीन दिन बाद सड़क मार्ग से जंगल ले गए। यहां से कंटेनर से कुआलालम्पुर पहुंचाया। इसके बाद रहीम गायब भी हो गया। वहां कुछ महीने उसने कंपनी में काम किया, पर तनख्वाह कम दी। भारत लौटने का फैसला किया ही था कि मलेशिया सरकार को जानकारी लगी तो उसने इमरान और उसे जुलाई में भारत डिपोर्ट कर दिया। यह भी पढ़ें- एयरपोर्ट पर डॉक्युमेंट्स वैरिफिकेशन की प्रॉसेस में लंबा टाइम गवाने का झंझट खत्म, चेहरा दिखाते ही मिलेगी एंट्री