जबलपुर

मकान सस्ता होगा, पर्यटन संवरेगा, कृषि और डिफेंस को कुछ नहीं

केन्द्र के बजट को लेकर क्या है शहर के विशिष्टों की राय, पेट्रोल-डीजल महंगा

जबलपुरJul 06, 2019 / 12:00 pm

gyani rajak

budget 2019

जबलपुर. केन्द्र सरकार के आम बजट में शहर को सीधे रूप से तो कोई फायदा नहीं मिला, लेकिन पर्यटन, छोटे उद्योग और डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकता है। 40 से 50 फीसदी कारोबारी पेंशन योजना के दायरे में आ सकते हैं। लेकिन कृषि और डिफेंस के क्षेत्र में ज्यादा फायदा मिलना मुश्किल है। इन पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। रेलवे के लिए भी कोई बड़ी सौगात नहीं मिली। जबकि यहां पर विद्युतीकरण से लेकर ब्रॉडगेज की बड़ी योजना संचालित हो रही है। इसके अलावा डीजल और पेट्रोल के दामों में भी इजाफा भारी इजाफा हो गया। शनिवार को शहर में पेट्रोल के दाम 78.34 रुपए लीटर और डीजल के दाम 70.27 रुपए प्रतिलीटर हो गए। पांच जुलाई को इनकी कीमत क्रमश: 73.67 और65.71 रुपए प्रतिलीटर थी।

शहर के लिए यह फायदे नुकसान
– 45 लाख रुपए तक के होमलोन पर 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट का रियल इस्टेट कारोबार में उछाल आ सकता है। शहर के लगभग 50 फीसदी प्रोजेक्ट इस लोन सीमा में आएंगे।
– पेट्रोल और डीजल में एक रुपए सेस जुडऩे से महंगाई बढ़ सकती है। शहर में रोजाना करीब 7 लाख 40 हजार लीटर डीजल-पेट्रोल की खपत है। इसमें कमी आ सकती है।
– पर्यटन के क्षेत्र में पूरे देश में 17 स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसमें जबलपुर शामिल हुआ तो शहर का ग्राफ बढेग़ा।
– पेंशन योजना का लाभ यहां के कारोबारियों को मिल सकता है । अभी जीएसटी में जिले के करीब 25 हजार कारोबारी रजिस्टर्ड हैंं। 80 फीसदी पेंशन के दायरे में आ सकते हैं।
– डेयरी उद्योगो को बढ़ावा देने की बात बजट में की गई है। जबलपुर को इसका लाभ मिल सकता है ।यहां बड़ी मात्रा में दूध का उत्पादन होता है।

बजट पर इनकी राय

वित्तमंत्री का बजट भाषण देश में किसी तरह का बदलाव लाने के लिए नहीं बल्कि भाजपा की मार्केटिंग के लिए था। नोटबंदी से आम आदमी और जीएसटी से व्यापारी परेशान था। किसान आत्महत्या कर रहा है। इनके लिए कोई विशेष प्रावधान बजट में नहीं लाया गया। बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और संगठित क्षेत्र के मजदूरों के विकास के लिए कोई योजनाएं नहींं लाई गईं। जबलपुर में डिफेंस इंडस्ट्री दम तोड़ रही हैं। कर्मचारियों में अनिश्चतता है। इनके लिए क्या प्रावधान था।
विवेक तन्खा, राज्यसभा सदस्य

भाजपा ने चुनाव के पहले आम आदमी को जो सपने दिखाए थे, उन पर वह खरी नहीं उतरी। बजट उनके सपनों को पूरा करने का एक माध्यम थाा, लेकिन वह छलावा साबित हुआ। स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी को केन्द्रित करते हुए बड़ी योजनाओं की घोषणा होनी चाहिए थी। बजट से न मप्र और न ही जबलपुर को कोई बड़ी सौगात मिली।
लखन घनघोरिया, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री

बजट पेज के लिए चुनौतीएकसोने पर कस्टम शुल्क विरोधाभासी कदम है। इसे 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किए जाने के कारण कारोबार को नुकसान हो सकता है। सराफा कारोबार पर तो विपरीत असर हो सकता है साथ ही लोगों की जेवर खरीदने की क्षमता भी घटेगी। जबलपुर शहर में रोजाना 5 से 6 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। दाम बढऩे से बिक्री को कायम रखना चुनौती होगी।
अजय बख्तावर, उपाध्यक्ष मप्र सराफा एसोसिएशन

एक ओर जहां कि ऑटोमोबाईल क्षेत्र को बढ़ाने की बात की जाती है वहीं दूसरी ओर पिछले दरवाजे से सेस लगाकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-2 रुपए की वृद्धि कर जनता पर अनावश्यक बोझ डाला जा रहा है। इससे महंगाई पर नियंत्रण करना मुश्किल होगा। इसका विपरीत प्रभाव व्यापार एवं उद्योगों पर भी पड़ेगा। पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग हो रही है।
हेमराज अग्रवाल, अध्यक्ष मिष्ठान विक्रेता संघ

बजट नागरिक व मध्यम वर्गीय व्यक्तियों के लिए मंहगाई को बढ़ावा देने वाला है। स्पष्ट बहुमत की सरकार की ओर से ऐसे बजट की अपेक्षा नहीं थी, जिसमें किसी का भी ध्यान नहीं रखा गया है। एमएसएमई क्षेत्र के लिए थोड़ी राहत रहेगी।
प्रेम दुबे, चेयरमैन जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों के लिए बैंकों से ऋण लेने पर दो प्रतिशत की ब्याज में कटौती से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन पेट्रोल और डीजल में उत्पाद शुल्क में वृद्धि से महंगाई बढ़ेगी। सीसीटीवी कैमरा भी महंगे होंगे।
डीआर जेसवानी, महासचिव महाकोशल उद्योग संघ
मंदी की मार झेल रहे उद्योग-व्यापार जगत को पुर्नजीवित करने बजट में कोई खास प्रावधान नही हैं। वहीं खुदरा व्यापारी वर्ग जिसका टर्नओवर डेढ़ करोड़ से अधिक सालाना है को, पेंशन योजना में शामिल करना स्वागत योग्य कदम है।
हिमांशु खरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
400 करोड़ तक की कंपनी पर 25 प्रतिशत कर से तकरीबन 99 फीसदी कंपनियों को लाभ होगा। छोटे उद्योगों को महज 59 सेकंड में एक करोड़ का ऋण का प्रावधान अच्छा साबित होगा। व्यापारियों की पेंशन की मांग भी पूरी की गई है।
अखिलेश जैन, चार्टर्ड अकाउंटेंट

बजट पर प्रतिक्रिया महाकोशल चेम्बर तात्कालिक जरुरतों के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु संस्थानों को मिलने वाली सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का बजट अभाव दिखा। छोटे दुकानदारों को जिनका 1.5 करोड़ से कम का टर्नओवर है उन्हें पेंशन योजना से जोडऩा अच्छी पहल है। महाकोशल अंचल के औद्योगिक विकास के लिए बहुप्रतीक्षित विशेष आर्थिक पैकेज की मांग पर निर्णय नहीं होन निराशाजनक है।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष, महाकोषल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

छोटे उद्योग-व्यापार की शुरूआत पार्टनरशिप फ र्मो से होती है। उन्हें कोई राहत नही देकर बड़ी कम्पनियों को 250 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ तक के टर्नओवर पर 25 प्रतिशत आयकर किया गया है। वहीं पार्टनरशिप फर्मों पर 30 फीसदी आयकर व सेस 4 फीसदी जारी रखा गया है। छोटे व मध्यम उद्योग व्यापार को भी कंपनियों के जैसी राहत मिलनी थी।

शंकर नाग्देव, मानसेवी मंत्री, महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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