जबलपुर। श्री पिसनहारी मढिय़ा तीर्थ, जबलपुर में विराजित आचार्य विद्यासागर के शिष्य मुनि प्रमाण सागर ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में गर्भ कल्याणक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीव के सम्पूर्ण विकास के लिए गर्भ संस्कार के साथ गृह संस्कार, समाज संस्कार भी जरूरी है। इन संस्कारों के बिना धर्म के संस्कार पल्लवित नहीं होते। मुनि श्री ने कहा कि तीर्थंकर भगवान का गर्भ कल्याणक उस जीवन का अंतिम गर्भ कल्याणक है। मुनि अरह सागर, आर्यिका रत्नी ढृढ़मति माता ससंघ की उपस्थिति में श्री पिसनहारी मढिय़ा तीर्थ में आयोजित त्रिलोकपूज्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के द्वितीय दिवस मंगल प्रवचन में मुनि श्री ने यह उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तीर्थंकर भगवान के पिछले 10 भव आत्म अभ्युदय की दिव्यता के प्रति निरंतर प्रगतिशील होते हैं। वह हर भव में कुलाचार का पालन करते हैं। मुनि श्री ने कहा कि जो लोग गर्भ में ही जीव का अंतिम संस्कार (गर्भपात) कर देते हैं, वह प्रायश्वित शुद्धि के बिना पूजन करने और आहार देने के अधिकारी नहीं हैं। गर्भपात अपराध ही नहीं महापाप है। ब्रह्मचारी त्रिलोक ने बताया कि शुक्रवार दोपहर डॉ. नीलम जैन ने गर्भवती महिलाओं में विधि पूर्वक गर्भ के संस्कार आरोपित किए। प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी अभय ने गर्भ कल्याणक की पूजा कराई।
विधायक बने शंका समाधान का हिस्सा
मुनि प्रमाणसागर के शंका समाधान कार्यक्रम में गुरुवार को विधायक अजय विश्नोई ने अपनी शंका रखकर समाधान प्राप्त किया। दिगम्बर जैन युवा महासंघ के पदाधिकारियों ने विश्नोई का सम्मान किया। नगर में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में परिसर में लगाए गए भोजन पंडाल में सैकड़ों दर्शनार्थी भोजन का आनंद ले रहे हैं। एक अलग भोजन शाला भी बनाई गई है। बच्चों के जैन संस्कार महोत्सव के रजिस्ट्रेशन पिसनहारी तीर्थ में चालू है। 16 जनवरी को 11 बजे धोती, दुपट्टे, मुकुट वितरित किए जाएंगे। बेटियां घर से सफेद साड़ी या सलवार सूट पहनकर आएं। बेटों का मुंडन घर से ही करवा कर आएं। हालांकि, पिसनहारी तीर्थ में भी मुंडन की व्यवस्था रहेगी। 1.30 बजे कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। सम्पूर्ण आयोजन एवं व्यवस्था का दायित्व भार श्री पिसनहारी तीर्थ परिसर में, दिगम्बर जैन युवा महासंघ, व जैन नवयुवक सभा के सदस्य कर रहे रहे हैं।