धर्म के लोगों की भावनाओं को देखते हुए सूर्य नमस्कार को स्वैच्छिक करने के निर्देश की अपील- सुनवाई के दौरान विधायक आरिफ मसूद की ओर से कोर्ट के समक्ष ये तर्क दिया गया कि सूर्य नमस्कार से उनके धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. विधायक आरिफ मसूद की ओर से कोर्ट से ये अपील भी की गई कि धर्म के लोगों की भावनाओं को देखते हुए सूर्य नमस्कार को स्वैच्छिक करने के निर्देश दिए जाएं.
कोर्ट ने पूछा, कहां लिखा है कि बाध्यता है
सुनवाई के बीच हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि परिपत्र में कहां लिखा है कि यह किसी प्रकार की बाध्यता है. इस पर याचिकाकर्ता ने कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए मोहलत मांगी. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दस्तावेज पेश करने के लिए मोहलत दे दी. मामले की अगली सुनवाई आठ फरवरी को नियत की गई है.