जबलपुर

गांधीजी कह गए थे इसलिए आज भी गांधी टोपी लगाते हैं इस स्कूल के छात्र

नरसिंहपुर के सिंहपुर स्कूल में ताजा हैं स्वाधीनता और प्राचीन परम्परा की यादें, स्वतंत्रता दिवस पर रहता है उत्सव का माहौल

जबलपुरAug 15, 2016 / 12:50 am

Premshankar Tiwari

Narsinghpur School Student

दीपक दीवान, नरसिंहपुर। जमाना गांधी टोपी को भूल चुका है…। पोशाक की गाड़ी पैजामा से होते हुए शूट और टाई तक पहुंच गई है, लेकिन नरसिंहपुर जिले के गांव सिंहपुर में स्कूली बच्चे आज भी गांधीजी के शब्दों का अनुसरण कर रहे हैं। यहां के छात्र आज भी गांधी टोपी पहनकर ही स्कूल जाते हैं। यह खासियत ही इस शासकीय विद्यालय को जिले में विशेष पहचान दिलाए हुए है।


जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित सिंहपुर गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों पर आज भी बाहरी लोगों की नजर टिक जाती है। हर सिर पर गांधी टोपी लोगों के मन में कौतूहल और प्रश्न पैदा करती है। इसका जवाब भी शायद यही है कि यह टोपी हमारी विरासत और पहचान है, जिसे आधुनिकता की आंधी में भी छात्र-शिक्षक जीवंत रखे हुए हैं। 


चूंकि गांधी बाबा ने कहा था 
स्कूल में कक्षा आठवीं के छात्र सावान अली सिर पर गांधी टोपी लगाए अपनी धुन में व्यस्त थे। सवाल पर उन्होंने कहा कि गांधी टोपी पहनने से मानसिक शांति मिलती है, पढ़ाई में भी मन लगता है। इन्हीं की क्लास के अखिलेश उइके कहते हैं- यह टोपी हमारे गांधी बाबा की देन है। शिक्षक बताते हैं कि गांधीजी ने टोपी पहनने के लिए कहा था इसलिए हम यह गांधी टोपी पहनते हैं।


गांव से गुजरे थे महात्मा
शिक्षक संदीप शर्मा बताते हैं कि असहयोग आंदोलन के समय गांधीजी जब देशभ्रमण कर रहे थे तब सिंहपुर गांव से भी गुजरे थे। उन्होंने गांव में स्वतंत्रता की अलख जगाई। गांधीजी की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ग्रामीणों ने गांधी टोपी पहनना शुरु कर दिया और बाद में अपने बच्चों को टोपी पहनाकर ही स्कूल भेजने लगे। 

Narsinghpur School Student


आज भी रखे हैं चरखे 
सत्तर के दशक तक तो प्राय: सभी सरकारी स्कूलों में बच्चे गांधी टोपी पहनते थे पर धीरे-धीरे इसका चलन खत्म हो गया। अब तो राजनेता भी राष्ट्रीय पर्वाे पर भी गांधी टोपी नहीं पहनते पर स्कूल के इन बच्चों ने गांधी टोपी पहनना कभी नहीं छोड़ा। गांधीजी की के सम्मान की खातिर में स्कूल में कई सालों तक चरखा भी चलाया जाता रहा। यहां पुराने चरखे अभी भी रखे हैं।

Narsinghpur gandhi School

हमें गर्व है 
प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर लेखराम दुबे और मिडिल स्कूल की हेडमास्टर पुष्पलता दुबे स्कूल की इस परंपरा पर गर्व जताते हैं। पुष्पलता शर्मा कहती हैं कि मुझे यहां चार साल हो गए पर एक भी विद्यार्थी के मन में कभी गांधी टोपी के प्रति अरुचि नहीं दिखी। वे स्वपे्ररणा से गांधी टोपी पहनते हैं। कई बार इक्का-दुक्का विद्यार्थी टोपी लगाना भूल भी जाते हैं पर इसके लिए भी कभी किसी ने टोका-टाकी नहीं की। सिंहपुर शासकीय स्कूल की स्थापना 1844 में हुई थी तब से लेकर आज तक गांधी टोपी पहनकर पढ़ाई करने की इस पंरपरा का बदस्तूर निर्वहन किया जा रहा है।

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