मध्यप्रदेश में सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य है हालांकि इसपर अमल नहीं किया जाता। इस संबंध में सन 2010 में आदेश जारी किया गया था लेकिन इसका कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा है। जबलपुर नगर निगम के भी यही हाल हैं। निगम की वेबसाइट पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की संपत्ति की जानकारी प्रदर्शित नहीं की गई है।
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जबलपुर नगर निगम की डिप्टी कमिश्नर रचयिता अवस्थी ने इस पर सख्ती दिखाई है। उन्होंने निगम के सभी कर्मचारियों से अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है। डिप्टी कमिश्नर रचयिता अवस्थी ने इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी कर दिया है। उनका कहना है कि नियमानुसार संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने का प्रावधान है। यदि इस सरकारी आदेश को कोई कर्मचारी नहीं मान रहा तो विधिवत कार्रवाई की जा सकती है।
जबलपुर नगर निगम की डिप्टी कमिश्नर रचयिता अवस्थी ने इस पर सख्ती दिखाई है। उन्होंने निगम के सभी कर्मचारियों से अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है। डिप्टी कमिश्नर रचयिता अवस्थी ने इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी कर दिया है। उनका कहना है कि नियमानुसार संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने का प्रावधान है। यदि इस सरकारी आदेश को कोई कर्मचारी नहीं मान रहा तो विधिवत कार्रवाई की जा सकती है।
नगर निगम की स्थापना शाखा की उप आयुक्त रचयिता अवस्थी का पत्र जारी होते ही कर्मचारियों, अधिकारियों के होश
उड़ गए। जबलपुर नगर निगम में करीब 3500 स्थाई कर्मचारी अधिकारी हैं। इसके अलावा लगभग इतने ही संविदा या अस्थाई कर्मचारी भी हैं।
उड़ गए। जबलपुर नगर निगम में करीब 3500 स्थाई कर्मचारी अधिकारी हैं। इसके अलावा लगभग इतने ही संविदा या अस्थाई कर्मचारी भी हैं।
यह भी पढ़ें: मंत्री-अफसरों के सामने आएंगे नाम! सौरभ शर्मा-चेतन गौर पर ईडी ने भी कसा शिकंजा कानूनन हर कर्मचारी को नौकरी की जॉइनिंग के समय अपनी संपत्ति की जानकारी देनी होती है। इसके बाद वह जो भी संपत्ति खरीदता है उसकी जानकारी भी हर साल विभाग को देना अनिवार्य होता है।
बता दें कि सन 2010 में मध्यप्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी हर साल में सार्वजनिक करने को कहा गया था। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रदीप खरे द्वारा इस संबंध में सभी विभागों को पत्र जारी किया गया था। इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मेट बनाया गया था। कर्मचारियों, अधिकारियों को पोर्टल पर अपनी अचल संपत्ति की जानकारी देकर इसकी बाकायदा लिंक जारी करने को कहा गया था।