इनमें से अधिवक्ता डीडी बसंल ग्वातलियर में शासकीय अधिवक्ताम के रूप में कार्यरत हैं। वही न्या यिक सेवा से प्रकाश चंद्र गुप्ता, दिनेश कुमार पालीवाल और अमर नाथ केशरवानी के नाम शामिल हैं। न्यायाधीश दिनेश कुमार पालीवाल इंदौर जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हैं और एडवोकेट मिलिंद रमेश फड़के हाई कोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं। सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने इन सभी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जज के लिए एलीवेट कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की अनुशंसा के बाद अब अनिवार्य प्रक्रिया को पूरी कर नवनियुक्त जजो को शपथ दिलाई जाएगी।
यह भी पढ़े: सर्दी, जुकाम और खांसी है तो इसे मौसमी बीमारी न मानें, समय पर कराएं इलाज
सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की अनुशंसा मिलने के बाद अब स्वीकृति प्रक्रिया पूरी होनी है और उसके बाद इन छह नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के आदेश जारी हो जाएंगे। देश के न्यायलयों के साथ ही एमपी हाईकोर्ट में भी न्यायाधीसों की कमी रही है अब नए न्यायाधीस के मिलने से हाई कोर्ट में जस्टिस की कमी कुछ हद तक पूरी हो सकेगी।
फिलहाल मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में 29 न्यायाधीस है जो अब बढ़कर 35 हो जाएंगे। जबकि हाईकोर्ट में कुल स्वीकृत न्यायाधीस के 53 पद हैं। नए जज मिलने के बाद भी हाई कोर्ट में 18 न्यायाधीश की कमी रहेगी। देश के उच्चतम न्यायालय से लेकर उच्च न्यायलय और जिला न्यायलयों में न्यायाधीसों की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा देश के नागरिकों को उठाना पड़ता है। स्वीकृत पदों से कम जज होने से लंबित केसों की संख्या बढ़ती जाती है और लोगों को न्याय मिलने में देरी होती है।