जबलपुर की हर्षिता पढ़ाती है संस्कृत, छोटी बहन भावार्थ समेत सुनाती है भागवत गीता
राष्ट्रीय स्तर पर कर चुकी हैं नेतृत्व
हर्षिता प्यासी 12वीं कक्षा में मैथ्स कॉमर्स लेकर पढ़ाई कर रही हैं। वहीं संस्कृत भारती महाकौशल प्रांत की बाल प्रमुख के दायित्व का निर्वहन भी कर रही हैं। इसके साथ ही संगीत शिक्षा में उनका ये पांचवा वर्ष है। हर्षिता संस्कृत भारती के विश्व सम्मेलन में महाकौशल का नेतृत्व कर चुकी हैं। हर्षिता ने बताया कि वे रोजाना शाम को ऑनलाइन संस्कृत की पाठशाला चलाती हैं। इसमें 60 से अधिक महिलाएं युवतियां शामिल होती हैं। संत सम्मेलनों व धार्मिक आयोजनों में भी हर्षिता संस्कृत से लोगों को जुडऩे के लिए प्रेरित करती हैं।
इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई
बेटियों के पिता पेशे से पुरोहित रामाधार प्यासी हैं। उन्होंने बताया कि दोनों बच्चियों को बचपन से ही संस्कृत व संस्कारों से जोड़े रखा है। वे रुचि के साथ धार्मिक ग्रंथों को पढ़ती और उनके भावार्थ को समझाती हैं। ब्राह्मण होने के नाते हमें धर्म, संस्कार, संस्कृति और वैदिक पुरातन भारतीय इतिहास को जन जन तक पहुंचाना हमारा प्रथम दायित्व बनता है। इन्हें आगे चलकर तिरुपति स्थित संस्कृत महाविद्यालय में पढ़ाना है।
बालमन की गहराई
जिस उम्र में बच्चियां स्कूल जीवन और बालपन का आनंद लेती हैं, वहीं 11 साल की उम्र में शुभांगी प्यासी श्रीमद् भागवत गीता के उपदेशों व श्लोकों को भावार्थ समेत लोगों को पढ़ाती हैं। शुभांगी 8 वीं कक्षा की छात्रा हैं। उन्हें सैकड़ों वैदिक मंत्र, भागवत गीता के श्लोक आदि कंठस्थ हैं। शुभांगी ने जिला स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं व आयोजनों में प्रथम स्थान ही नहीं पाया बल्कि छोटी सी ये बच्ची दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के श्रीमद् भागवत गीता पर आधारित कार्यक्रमों में प्रदेश का नेतृत्व कर शहर का नाम रोशन कर चुकी है।