तेवर तालाब के बीच में है निर्माण
ऐतिहासिक तालाब की बेकदरी!
संरक्षण के लिए नहीं की जा रही पहल
जानकारों की मानें तो तेवर तालाब को जल विहार के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। भेड़ाघाट व त्रिपुरसुंदरी मार्ग पर स्थित होने के कारण ये तालाब नौकाविहार व वाटर स्पोर्टस की गतिविधियों के लिए भी अनुकूल है। तालाब के बीच में राजा कर्ण का बनवाया दीपा मंदिर है।
राजा कर्ण से जुड़ी किवदंती
तेवर तालाब के बीच में प्राचीन मंदिर स्थित है, राजा कर्ण के बनवाए दीपा मंदिर में मैया पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा है। बताया जाता है कि मथुरा के हवलदार नवलकिशोर ने मैया पार्वती की प्रतिमा की चोरी की कोशिश की थी, जो कामयाब नहीं हो सका और उसे पक ड़ लिया गया था।
पुरातात्विक महत्व का स्थल
समूचा तेवर क्षेत्र पुरातात्विक महत्व का स्थल है। आज भी तेवर में खेतों की जुताई और जमीन की खुदाई के दौरान प्राचीन प्रतिमाएं निकलती हैं। जानकारों की मानें तो तेवर तालाब के आसपास भी पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं। इसके बावजूद तालाब के संरक्षण के लिए पहल नहीं की जा रही है।
तालाब को संरक्षित करना होगा
तेवर तालाब व समूचा क्षेत्र पुरातात्विक महत्व का स्थल है उसे संरक्षित किया जाना चाहिए। जिससे आने वाली पीढिय़ों के लिए इन स्थलों को सुरक्षित रखा जा सके।
– राजकुमार गुप्ता, पुरातत्वविद् व इतिहासकार