जबलपुर में सिविक सेंटर में है बगलामुखी पीठ
यहां ज्योतिष व शारदा पीठ के जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मां बगलामुखी पीठ का निर्माण कराया है। यहां साल भर विशेष अनुष्ठान चलते रहते हैं। महाकोशल में यह मां पीतांबरा की एक प्रम़ुख सिद्ध पीठ है। यहां शास्त्रोक्त विधि विधान से सारे अनुष्ठान कराए जाते हैं और लोगों के कार्य सिद्ध होते हैं। यहां शुक्रवार से शुक्रवार को शत्रुंज्जय शत्रु दमन यज्ञ प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई। यज्ञशाला में देवताओं का आह्वान पूजन हुआ। ब्रह्मचारी चैतन्यानंद के सानिध्य में जनमानस कल्याण के लिए यज्ञ किया जा रहा है। स्वामी चैतन्यानंद के अनुसार प्रतिदिन नित्य प्रति पीत वस्त्रधारी ब्राह्मणों की ओर से पीले सरसों और शुद्ध घी से पराम्बा भगवती बगलामुखी के मंत्र पढ़े जाएंगे। दिव्य आहूतियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया, बगलामुखी पीताम्बरा माता शत्रु भाव को नष्ट करती हैं।
दतिया में है प्रमुख पीठ
मध्यप्रदेश के दतिया जिला में मां पीतांबरा या बगलामुखी की प्रमुख पीठ है। जिसकी स्थापना अनंत विभूषित श्री स्वामीजी महाराज ने कराई थी। यह सिद्ध पीठ मानी जाती है। यहां चुनाव से पूर्व प्राय: राजनेता अपने अनुष्ठान कराते हैं। राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे इस पीठ की ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं। यहां देश भर के प्रमुख राजनेताओं का आना जाना लगा रहता है। यहां होने वाले अनुष्ठान गुप्त होते हैं और ट्रस्ट की अनुमति से ही कोई अनुष्ठान हो पाता है।
छतरपुर में है पीतांबरा-श्री-स्वामी शक्ति पीठ
यहां दतिया वाले श्रीस्वामीजी महाराज के शिष्य शिवनारायण खरे ने पीतांबरा-श्री-स्वामी शक्ति पीठ का निर्माण कराया है। मंदिर में श्री बटुक भैरव, मां पीतांबरा और श्रीस्वामीजी महाराज के दिव्य विग्रह हैं। यह एक विशाल मंदिर है जो नागर द्रविण शैली में बनाया गया है। इस पीठ का निर्माण श्रीस्वामीजी महाराज के सूक्ष्म निर्देशन में कराया गया है। यहां हर रविवार को विशेष पूजा व सामूहिक प्रार्थना होती है जिससे श्रद्धालुओं के दैहिक, दैविक और भौतिक कष्ट दूर होते हैं।