ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार शनि ग्रह न्याय के देवता हैं। जिन राशि के जातकों पर प्रभावशाली ग्रह शनि की कुदृष्टि पड़ रही हो, उन्हें शनिवार व्रत के साथ शनि ग्रह को तेल अर्पित कर पूजा करनी चाहिए। शनि ग्रह शांति के लिए बजरंग बली की पूजा फलदायी होती है। शनि ग्रह केवल नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। जिन राशियों पर शनि की दृष्टि अच्छी होती है, उनके लाभ के संयोग बनते हैं।
राशियों पर होगा ऐसा प्रभाव
शनि ग्रह की उल्टी चाल से मेष राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट हो सकता है। वृष राशि वालों को हृदय से सम्बंधित विकार हो सकते हैं। मिथुन राशि के लिए स्थिति सामान्य रहेगी। कर्क राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन फायदेमंद साबित होगा। सिंह राशि वालों को उदर विकार एवं कन्या राशि के जातकों को शत्रुओं से सावधान रहना होगा। तुला राशि के जातकों के विवाह में व्यवधान, कन्या राशि के लोगों को धन सम्बंधी से लेन-देन से परेशानी हो सकती है। धनु राशि के जातकों के लिए शुभ प्रभाव होगा। मकर राशि के लोगों को रक्त सम्बंधी विकार हो सकता है। कुम्भ राशि वालों के लिए लाभ एवं मीन राशि के जातकों के उन्नति के नए आयाम बनेंगे।
शनि ग्रह की उल्टी चाल से मेष राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट हो सकता है। वृष राशि वालों को हृदय से सम्बंधित विकार हो सकते हैं। मिथुन राशि के लिए स्थिति सामान्य रहेगी। कर्क राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन फायदेमंद साबित होगा। सिंह राशि वालों को उदर विकार एवं कन्या राशि के जातकों को शत्रुओं से सावधान रहना होगा। तुला राशि के जातकों के विवाह में व्यवधान, कन्या राशि के लोगों को धन सम्बंधी से लेन-देन से परेशानी हो सकती है। धनु राशि के जातकों के लिए शुभ प्रभाव होगा। मकर राशि के लोगों को रक्त सम्बंधी विकार हो सकता है। कुम्भ राशि वालों के लिए लाभ एवं मीन राशि के जातकों के उन्नति के नए आयाम बनेंगे।
शनि और गुरु की चाल से असंतुलित होगा मौसम
आचार्य डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार शनि ग्रह के वक्री होने के कारण आंधी, तूफान, अतिवृष्टि या तपन हो सकती है। इसके पहले ही गुरु 22 अप्रैल सुबह 11.30 बजे से मंगल की राशि में जाएंगे। जबकि, 25 अप्रैल से वक्री भी हो जाएंगे। इन परिवर्तनों के कारण धरती की ऊष्मता यानि गर्मी बढ़ेगी। शनि ग्रह मंगल की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ग्रहों के राजा शनि ओज के ग्रह मंगल की राशि में जाएंगे तो असहनीय गर्मी के योग बनेंगे। वहीं इन दोनों कारणों से राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति भी उत्पन्न होगी।
आचार्य डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार शनि ग्रह के वक्री होने के कारण आंधी, तूफान, अतिवृष्टि या तपन हो सकती है। इसके पहले ही गुरु 22 अप्रैल सुबह 11.30 बजे से मंगल की राशि में जाएंगे। जबकि, 25 अप्रैल से वक्री भी हो जाएंगे। इन परिवर्तनों के कारण धरती की ऊष्मता यानि गर्मी बढ़ेगी। शनि ग्रह मंगल की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ग्रहों के राजा शनि ओज के ग्रह मंगल की राशि में जाएंगे तो असहनीय गर्मी के योग बनेंगे। वहीं इन दोनों कारणों से राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति भी उत्पन्न होगी।