समाज के लोग हाथों में तख्तियां बैनर लेकर उत्तराखंड एवं केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यटन मंत्रालय के खिलाफ नारेबाजी लिखकर चल रहे थे। लोगों का कहना है कि यह पवित्र तीर्थ स्थल है, यहां जैन धर्म की अगाध आस्था जुड़ी हुई है। साथ यहां तीर्थंकरों समेत जैन धर्मगुरुओं ने मोक्ष प्राप्त किया है। यहां पर्यटन स्थल बनने से इसकी पवित्रता नष्ट हो रही है, साथ ही लोग मांस मदिरा का सेवन कर रहे हैं। जो कि अनुचित है। यदि समय रहते इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो जैन समाज अपना विरोध तेज करेगा।
क्या है सम्मेद शिखर विवाद
दरअसल, झारखंड के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर पर्वत मौजूद है, जो जैन समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। जैन समाज के लोगों ने का विरोध इस बात को लेकर है कि शिखर के एक हिस्से को झारखंड सरकार ने वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित कर दिया है। इसके अलावा केन्द्र व झारखंड सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने की बात भी कही गई है। जिसको लेकर देशभर का जैन समाज आक्रोशित है। इसी बात को लेकर जबलपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में जैन समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।