ये होगा कार्यक्रम में
दो दिवसीय कार्यक्रम में वेंडर और जरूरतमंद इकाइयों के प्रतिनिधि अपनी जरूरतों से एक-दूसरे को अवगत कराएंगे। इस पर भी चर्चा होगी कि यदि आवश्यक कलपुर्जों का निर्माण आस-पास होता है तो कितना फायदा होगा। वेंडर भी जान सकेंगे कि वे किन सामग्रियों का उत्पादन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें किस तरह के संसाधन जुटाने होंगे।