जबलपुर। आईपीएल, इंटरनेशनल क्रिकेट मैच नहीं होने से खेल प्रेमियों में निराशा है। यह वजह खेल मैदान (स्टेडियम) नहीं होना। राइट टाउन स्टेडियम के बाद रानीताल स्टेडियम की शुरुआत की गई थी, जिससे खिलाडि़यों में एक उत्साह था कि हमारे शहर में भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट हो सकेंगे। अफसोस है कि राजनैतिक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति के अभाव में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम नहीं बन सका। खेल मैदान बनाने का खेल एेसा चला जिसमें जबलपुर के मुकाबले ग्वालियर, इंदौर और रायपुर ने बाजी मार ली और जबलपुर फिसड्डी रह गया। प्रदेश में सबसे बेहतर लोकेशन शहर के रणजी खिलाडि़यों के अनुसार रानीताल स्टेडियम की लोकेशन अन्य शहरों के मुकाबले अच्छी है। मैदान की मिट्टी और पिच भी बेहतर है। अंतराष्ट्रीय मानक के मुताबिक 65-70 यार्ड का मैदान है। स्टेडियम के ब्लू प्रिंट में 60-80 हजार दर्शक क्षमता की दीर्घा का प्रस्ताव है। इसके अलावा उन सभी सुविधाओं का प्रावधान किया गया है जो एक स्तरीय क्रिकेट मैदान के लिए आवश्यक है। लेकिन क्रिकेट सुविधाओं के विस्तार में शहर की लगातार उपेक्षा हो रही है। स्टेडियम की योजना ही पूरी नहीं हो रही है। इस कारण खिलाड़ी बेहतर अवसर से भी वंचित हो रहे है। राष्टट्रीय स्तर की स्पर्धा तक नहीं शहर में स्टेडियम के विकास में अड़ंगा लगने से क्रिकेट का विकास भी प्रभावित हुआ है। रानीताल में 65-70 यार्ड का क्रिकेट मैदान है। इतना क्षेत्रफल अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान के मानक के अनुरुप है। इसके बावजूद स्टेडियम के अधूरे कार्य नहीं होने से रणजी प्रतियोगिता का आयोजन तक नहीं हो पा रहा है। इंटरनेशनल स्टेडियम के लिए तरस रहा शहर 15 वर्षों में नहीं बन सका अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, बीसीआई टीम नहीं पहुंचीपवेलियन की टूटी छत। क्षतिग्रस्त चैनल गेट। केबिन के टूटे दरवाजे। स्टेडियम के भवन की दीवारों से गिरता प्लास्टर। ये हाल है शहर के आधुनिक रानीताल क्रिकेट स्टेडियम का। तकरीबन 15 साल पहले जब रानीताल स्टेडियम के निर्माण की शुरुआत हुई तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के दावे किए गए थे। लेकिन स्टेडियम की आधी-अधूरी गैलरी, मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते रानीताल क्रिकेट मैदान और किसी छोटे शहर के मामूली मैदान में कोई बड़ा फर्क नहीं रह गया है। तकरीबन 18 लाख की आबादी वाले शहर में एक अदद अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम नहीं है। घोषणा कर चुके हैं शहर में रानीताल क्रिकेट स्टेडियम को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कई वर्ष से कवायद चल रही है। वर्ष 2003 से 2015 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री कई बार रानीताल क्रिकेट स्टेडियम को विकसित करके अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के काबिल बनाने की घोषणा कर चुके है। पर्याप्त संभावनाएं रानीताल स्टेडियम शहर के मध्य में है। इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान बनाने की पर्याप्त संभावनाएं है। स्टेडियम का ब्लू प्रिंट इस प्रकार ही तैयार किया गया था कि इसे अंतरराष्ट्रीय मैदान के रूप में विकसित किया जाए। लेकिन योजना पूरी नहीं हुई। शहर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान बेहद जरूरत है। इससे युवा खिलाडि़यों को फायदा होगा। क्रिकेट अकादमी की भी स्थापना होनी चाहिए। – धर्मेश पटेल, सचिव, जेडीसीए रानीताल क्रिकेट स्टेडियम किस स्तर का यह तय नहीं है। ये स्तर बीसीसीआई तय करती है। जो कभी रानीताल नहीं आयीं। इस स्टेडियम के विकास की भावी योजना की अभी कोई जानकारी नहीं है। योजनाओं का निर्धारण मंत्रालय करता है। कार्यभार ग्रहण किए लगभग 6 माह हो चुके है। अभी तक स्टेडियम के सुधार और उसके विकास के लिए कोई अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। – संतोष राजपूत, जिला खेल अधिकारी