संग्रहालय में ओपन एयर थिएटर बनाया जाएगा, जिसमें प्रदेश की जनजातियों के जीवनशैली, रहन सहन और वीरता के किस्से-कहानियां दिखाई जाएंगी। लोगों को उनकी जानकारी से अवगत कराया जाएगा। इसके साथ प्रदेश में उगाने वाले श्रीअन्न जैसे कोदो-कुटकी, रागी आदि को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे श्रीअन्न को बढ़ावा मिलेगा।
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ये सुविधाएं भी होंगी
इस म्यूजियम में ओपन एयर थिएटर, केंद्रीय प्रागंण, 100 कारों का पॉर्किंग एरिया, आदिवासी व्यंजनों का रेस्टोरेंट, 9डी एक्सपीरियंस, अन्य तरह की सुविधा होगी।पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
विरासत को जानने के लिए संग्रहालय अच्छा माध्यम होता है। यहां आर्ट गैलेरी के माध्यम से स्थानीय कला और क्राफ्ट को प्रदर्शित किया जा सकता है। इससे टूरिज्म और इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। यह भी पढ़ें- पर्यटकों के लिए खुल गया कूनो नेशनल पार्क, खुले जंगल में आप कर सकेगें चीतों का दीदार