जबलपुर

बड़ी खबर: एड. राजेन्द्र तिवारी बने MP के महाधिवक्ता, मात्र अधिसूचना बाकी

वरिष्ठ अधिवक्ता तिवारी के नाम पर प्रदेश सरकार ने दी हरी झंडी

जबलपुरDec 17, 2018 / 08:42 pm

Premshankar Tiwari

एड. राजेन्द्र तिवारी बने MP के महाधिवक्ता

जबलपुर। स्पष्टवादिता और अपनी बुलंद आवाज के लिए पहचाने जाने वाले संस्कारधानी के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी को प्रदेश सरकार ने महाधिवक्ता नियुक्त किया है। जानकारों की मानें तो इसकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। बस इसकी अधिसूचना जारी होना शेष है। नेपियर टाउन निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र तिवारी मप्र सरकार के 16 वें महाधिवक्ता होंगे। विधि विभाग ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के अनुमोदन के बाद तिवारी की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

नाम पर ऐसे बनी सहमति
उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार नई सरकार के साथ ही महाधिवक्ता पद के लिए हलचल तेज़ हो गई थीं। इसके लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र तिवारी सहित जबलपुर व भोपाल के एक-एक अधिवक्ता का नाम प्रस्तावित किया गया था। विचार-विमर्श के बाद सोमवार को विधि विभाग ने तिवारी का नाम फाइनल कर दिया। इस सम्बंध में तिवारी से सहमति भी ले ली गई। अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कमलनाथ की अनुशंसा के बाद राज्यपाल को भेजा जाएगा। राज्यपाल के अनुमोदन करते ही विधि विभाग तिवारी की नियुक्ति की विधिवत अधिसूचना जारी कर देगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में एड. पुरुषेन्द्र कौरव को महाधिवक्ता नियुक्त गया था। सरकार के जाते ही उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया है।

छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे
बताया गया है कि श्रीतिवारी का जन्म 14 अप्रैल 1936 को हुआ। वे छात्र राजनीति मे खासे सक्रिय रहे। 1956-57 में वे रादुविवि जबलपुर के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। बीए, एमए (संस्कृत), एलएलबी की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने 1964 से वकालत आरम्भ की। वे 1985-88 तक राज्य सरकार के उप महाधिवक्ता रहे। 1993 में वे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। श्री तिवारी अनेक सामाजिक एवम सांस्कृतिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं और लगातार ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करते रहते हैं।

हटकर है पहचान
अपनी श्रेणी के अधिवक्ताओं में बुलंद और स्पष्टवक्ता माने जाने वाले 82 वर्षीय एड. तिवारी की न्याय जगत में अलग ही छवि है। वे संस्कृत, हिन्दी और अंग्रेजी के अच्छे ज्ञाता होने के साथ श्रेष्ठ वक्ता भी हैं। न्यायिक क्षेत्र में उनका अपना अलग सम्मान है। पत्रिका से बातचीत में श्री तिवारी ने कहा कि महाधिवक्ता के लिए सबसे अहम यही चीज होती है कि वह किस तरह कठिन और विषम मामलों में सरकार की ओर से सही तर्क देकर सही फैसला कराने का प्रयास करता है। कई बार ऐसा होता है कि हम विषम चीजों की उपेक्षा कर जाते हैं। मेरी कोशिश यही होगी कि मैं किसी भी चीज की उपेक्षा न करूं। न केवल सरकार, बल्कि सम्पूर्ण मप्र के नागरिकों को न्याय दिलाने की कोशिश करूंगा। हाइकोर्ट में लम्बित मामलों की संख्या पर उन्होंने कहा कि इसकी एक बडी वजह केसों की सुनवाई को बढ़वाना है। मैं अपने सहयोगियों के साथ यह प्रयास करूंगा कि बेवजह मामलों की सुनवाई बढ़ाने का आग्रह न किया जाए। जजों की कम संख्या भी एक कारण है। चीफ जस्टिस से मिलकर जल्द से जल्द कोलेजियम के जरिए नए जजों की नियुक्ति के प्रस्ताव भेजें। ताकि यह समस्या हल की जा सके। महाधिवक्ता पद पर श्री तिवारी के मनोनयन पर सोमवार को शुभचिंतकों ने उनके निवास पर जाकर शुभकामनाएं भी दीं।

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