ये बन रही वजह
कॉशन ऑर्डर
घुमावदार मार्ग
चढ़ाई
क्रॉसिंग
जबलपुर से शुरू होती हैं 22 ट्रेनें
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और कोटा से रवाना होने वाली ट्रेनों में एलएचबी कोच लगा दिए हैं लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से रफ्तार नहीं बढ़ पा रही है। पमरे से कुल 48 ट्रेनें रवाना होती है। इनमें जबलपुर से 22, भोपाल से 10 और कोटा से 16 ट्रेनें ऑरीजनेट हो रही हैं। इन ट्रेनों में जर्मनी तकनीक पर आधारित एलएचबी (लिंक हाफमेन बुश) कोच जोड़े गए हैं। इसके बाद भी लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से रफ्तार नहीं बढ़ पा रही है।
तकनीकी कारण
रेलवे भले दावा करे कि तेज रफ्तार से ट्रेनें दौड़ाएंगे। लेकिन, ट्रेन परिचालन में ट्रैक की स्थिति के अनुसार ही गति पकड़ पा रही है। रफ्तार पकड़ते ही कॉशन ऑडर का संकेत मिल जाता है, इससे रफ्तार घटानी पड़ती है। इसी तरह घुमावदार मार्ग, चढ़ाई और ट्रेन क्रॉसिंग आड़े आ रही है। जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल में कुछ ऐसे प्वाइंट हैं, जहां ट्रेन को तय रफ्तार से ही निकालना पड़ रहा है।
ये है एलएचबी कोच
एलएचबी कोच काफी आरामदायक और अधिक सुरक्षित हैं। इनमें उच्च गति क्षमता और वजन में हल्के होते हैं। इन कोचों में सफर के दौरान ध्वनि प्रदूषण कम होता है। घक्के भी न के बराबर लगता है। विषम स्थति में यह एक दूसरे से टकरा तो जाते हैं लेकिन एक दूसरे पर चढ़ते नहीं है, जिससे यात्री सुरक्षित रहते हैं।
पमरे में कुल ट्रेन रैक 150
(मेल-एक्सप्रेस)
एलएचबी कोच के ट्रेन रैक- 48
जबलपुर-22
भोपाल-10
कोटा-16
आइसीएफ कोच के ट्रेन रैक- 132
इनका कहना है
रेलवे बोर्ड के आदेश पर ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। ट्रेनों की रफ्तार ट्रैफिक पर निर्भर है।
– हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पमरे