कोर्ट की चार शर्तें…
- आरोपी ‘सड़क दुर्घटना के प्रभाव और समाधान’ पर कम से कम 300 शब्दों में निबंध लिखेगा।
- 15 दिन ट्रैफिक पुलिस की मदद करेगा।
- मनोचिकित्सक से इलाज कराएगा।
- आरोपी के सामने भविष्य में दुर्घटना हुई तो पीड़ितों की मदद करनी होगी।
पुणे. हादसे के 14 घंटे में ही पुणे के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को हादसे पर निबंध लिखने की सजा सुनाते हुए जमानत दे दी। पुलिस ने आरोपी को बालिग मानने का अनुरोध किया, पर बोर्ड ने इनकार कर दिया। पुलिस हाईकोर्ट में चुनौती देगी। पुलिस के मुताबिक 17 साल का नाबालिग पुणे के बड़े बिल्डर का बेटा है।