नई गाइडलाइन तैयार करने के लिए जुटाए जा रहे सम्पदा पंजीयन के आंकड़े
शहर में अधिक दर पर हुआ सम्पत्ति का पंजीयन, बढ़ेगी कलेक्टर गाइडलाइन
एसडीएम और विभागों से मांगी जानकारी
पंजीयक कार्यालय की तरफ से गाइडलाइन को लेकर तमाम प्रकार से काम किया जाता है। पंजीयक कार्यालय ने हाल में सभी एसडीएम को पत्र लिखा है। इसमें यह जानकारी ली जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्र में कितनी नई कॉलोनियों को अनुमतियां दी गई हैं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम के कॉलोनी सेल को नगरीय क्षेत्र की जानकारी के लिए पत्र भेजा गया है। इसमें पता लगाया जाएगा कि कहां पर कौन सी नई कॉलोनी विकसित की गई है। उसके नक्शे भी मांगे जा रहे हैं ताकि उसे गाइडलाइन में शामिल किया जा सके। एनएचएआई से भी प्रस्तावित हाईवे के सम्बंध में जानकारी मांगी गई है।
जिओ टैगिंग पर दस्तावेजों का पंजीयन
नए वित्तीय वर्ष से दस्तोवेजों का पंजीयन पूरी तरह जिओ टैगिंग के आधार पर शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए संपदा-2 साफ्टवेयर चालू किया जाएगा। इससे पंजीयक कार्यालय को संबंधित क्षेत्र की पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। ऐसे में राजस्व में बढ़ोतरी होगी। अभी उप पंजीयक के पास उतनी जानकारी नहीं होती है। जिओ टैगिंग से प्रत्येक लोकेशन की बारीक जानकारी भी समाहित की जाएगी।
पहले बढ़ चुकी हैं गाइडलाइन की दर
वर्ष 2023-24 की मौजूदा गाइडलाइन में बढ़ोतरी की गई थी। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों 567 जगहों पर गाइडलाइन की दरों में इजाफा हो चुका है। इसमें 5 से 70 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। कुछ लोकेशन में दर 200 प्रतिशत तक बढ़ी है।
नई कलेक्टर गाइडलाइन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उप पंजीयकों की एक बैठक हुई है। कुछ विभागों को पत्र लिखकर उनसे जानकारी ली जा रही है। पूरे प्रस्ताव तैयार होने पर इन्हे जिला मूल्यांकन समिति के समक्ष रखा जाएगा।
– डॉ. पवन अहिरवाल, वरिष्ठ पंजीयक