एजुकेशन प्लान पर ज्यादा फोकस
सिटी पैरेंट्स बेटियों के लिए एजुकेशन प्लान अधिक चुन रहे हैं। उनका कहना है कि बेटियों केा बेहतर एजुकेशन मिलने के बाद वे खुद अपना भविष्य निर्धारित कर लेती हैं। ऐसे में वे ऐसे प्लांस का चुनाव कर रहे हैं, जो कि 18 साल के बाद हायर एजुकेशन में काम आए। इसके लिए हायर एजुकेशन प्लान टॉप सिलेक्टिव बने हुए हैं।
सेविंग के लिए जरूरी प्लानिंग
एक्सपर्ट का कहना है कि सेविंग प्लांस के लिए आय और खर्च का हिसाब रखते हुए बजट बनाएं। अपनी आय का एक हिस्सा बेटी के भविष्य के लिए बचाएं। अनावश्यक खर्चों में कटौती करके आप अपनी बचत बढ़ा सकते हैं। बेटी की जरूरतों और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश और बचत करें।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट
सिटी पैरेंट्स का कहना है कि वे बेटियों के बेहतर कर के लिए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान पर अधिक फोकस कर रहे हैं। कुछ जहां बेटियों के जन्म से ही इन पॉलिसी को चुन रहे हैं, वहीं कई उनके पांच साल के होने तक 20 साल तक का इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। अविनाश दुग्गा बताते हैं कि उनकी दोनों बेटियों के लिए उन्होंने 15 और 20 साल के इन्वेस्टमेंट प्लान सिलेक्ट किए हैं। इससे 18 साल बाद रिफंड भी मिलेंगे, जो एजुकेशन में काम आएगा।
ऐसे करें प्लानिंग
●बेटी की उम्र निवेश और बचत योजना का चुनाव करते समय एक महत्वपूर्ण कारक है।
●शिक्षा के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी, इसका अनुमान लगाएं।
●बेटी के विवाह के लिए कितनी धनराशि का अनुमान लगाएं।
●भविष्य का लक्ष्य हैं, बेटी की रुचि और क्षमता का भी ध्यान रखें।
इस तरह चुनें प्लान
सुकन्या समृद्धि योजना- गवर्नमेंट की स्कीम में इन्वेस्टमेंट के लिए जरिए इंटरेस्ट अच्छा मिलता है।
म्युचुअल फंड- म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट निवेश करके आप अपनी बेटी के लिए उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
पीपीएफ- पीपीएफ एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, जिसमें जमा किए गए धन पर कर लाभ भी मिलता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)- एनपीएस में निवेश करके आप अपनी बेटी के लिए पेंशन का भी प्रबंध कर सकते हैं।
निवेश और बचत के लिए एक लंबी अवधि की योजना बनाएं। समय-समय पर अपनी योजना की समीक्षा करें। इन्वेस्टमेंट रिस्क की जानकारी भी रखें।
सीए मयंक बत्रा, फाइनेंशियल एक्सपर्ट