सिहोरा-मझौली क्षेत्र में खरीफ की प्रमुख फसल धान है। ऐसे में किसान खरीफ की तैयारी को लेकर किसी तरीके की देरी नहीं करना चाहते। विपणन संघ के गोदाम में उर्वरक लेने आए किसान अशोक पटेल, राकेश यादव, भागचंद भूमिया, छोटे पटेल, सुरेंद्र पटेल ने बताया कि पिछले साल जब डीएपी और यूरिया की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वह उनको समिति और डबल लॉक में नहीं मिली। मजबूरी में किसानों को 200 से 300 रुपए अधिक दाम देकर उर्वरक खरीदनी पड़ी थी। ऐसे में किसान अभी से डीएपी और यूरिया का उठाव कर रहा है। धान की बोवनी की शुरुआत के समय ही डीएपी की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है।
30 टन यूरिया और 20 टन डीएपी का उठाव
विपणन संघ के गोदाम प्रभारी वीरू चौधरी ने बताया कि विपणन संघ के गोदाम से एक अप्रैल से 5 जून की स्थिति तक 30 टन यूरिया और 20 टन डीएपी का उठाव किसान नकद में कर चुके हैं। इसके अलावा समितियों से भी किसान किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से डीएपी और यूरिया ले रहे हैं। गोदाम में वर्तमान स्थिति में 500 टन यूरिया और 600 टन डीएपी का स्टॉक मौजूद है।
ये है स्थिति
-सिहोरा-मझौली तहसील में 2019-20 में 46 हजार हेक्टेयर में धान की हुई थी बोवनी
-2020-21 में 52 हजार हेक्टेयर रकबे में होगी धान बोवनी
-पिछले साल डीएपी का मूल्य 12 सौ रुपए बोरी था अब घटकर 1074 हो गया है
-यूरिया के दामों में न कोई बढ़ोतरी हुई है और न ही मूल्य में कमी आई
खरीफ सीजन की तैयारी को लेकर शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसानों को बीज और उर्वरकों की कमी न आने पाए। ऐसे में किसान बीज और उर्वरकों अभी से ले रहे हैं ताकि कोई परेशानी न हो।
जेएस राठौर, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, सिहोरा