जबलपुर आउटर रिंग रोड के लिए 96 गांवों की भूमि, संरचनाओं की खरीदी-बिक्री, बटांकन और डायवर्सन पर लगी रोक अब हट जाएगी।
जबलपुर. आउटर रिंग रोड के लिए 96 गांवों की भूमि, संरचनाओं की खरीदी-बिक्री, बटांकन और डायवर्सन पर लगी रोक अब हट जाएगी। केवल उन खसरों की भूमि पर यह जारी रहेगी, जिनका अधिग्रहण इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए किया जाना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसमें प्रभावित भूमि का पूरा विवरण दिया गया है। योजना के लिए 444 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया जाएगा। इसकी लागत करीब 205 करोड़ रुपए है।
शहर के चारों तरफ बनने वाली चारलेन रिंग रोड के निर्माण, चौडीकरण एवं उन्नयन के लिए एनएचएआई के प्रस्ताव पर पंजीयन कार्यालय ने छह तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 96 गांवों में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इस पर ग्राम वासियों की तरफ से आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। बाद में पंजीयन कार्यालय ने भी राजस्व हानि का हवाला दिया था। इसमें कहा गया था कि दीपावली के अवसर पर अचल संपत्ति की खरीदी-बिक्री खूब होती है। रजिस्ट्री से बड़ा राजस्व शासन को मिलता है।
तैयार हो गया ड्राफ्ट
इस बात को ध्यान में रखकर कलेक्टर की तरफ से एनएचएआई को पत्र लिखकर गांवों की भूमि की जगह उन खसरों की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया था, जहां रिंग रोड प्रस्तावित है। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। एनएचएआई के परियोजना निदेशक सुमेश बांझल ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराया कि सलाहकार एजेंसी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसमें भू अर्जन नक्शा एवं वह ड्राफ्ट है जो कि प्रभावित भूमि से संबंधित है। बताया गया कि भूमियों का प्रकाशन प्रस्तावित है। ऐसे में शेष भूमियों की खरीद-बिक्री जारी रखी जाती है तो इस कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं होगी।
रांझी तहसील कटियाघाट, तिलहरी, परसवाड़ा। शहपुरा तहसील लालपुर, डुडवरा, इमलिया, खुलरी। कहां कितनी भूमि का अर्जनतहसील–कुल भूमि जबलपुर 37.12रांझी 1.121 शहपुरा 81.89पनागर 232 पाटन 85.59कुंडम 6.88
नोट:भूमि का रकबा हेक्टेयर में रिंग रोड के लिए जिन खसरों की भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है, उनकी जानकारी एनएचएआई से मांगी गई थी। यह उपलब्ध हो गई है। इन्हें छोड़कर बांकी जगहों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पर रोक हटाई जा रही है।