पीडीएम 557 नाम के इस फ्यूज का इस्तेमाल सबसे बडे़ एमुनेशन में किया जाता है। लंबे समय से इसके निर्यात के प्रयास ओएफके की तरफ से किए जा रहे थे, लेकिन अब इस माह का मुहूर्त निकला है। इसका सीधा फायदा देश को विदेशी मुद्रा के रूप में होगा। वहीं म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड की इकाई ओएफके के लिए विदेशी ऑर्डर मिलने की राह खुल जाएगी। जब किसी देश में इस तरह उत्पाद जाते हैं, तो उसकी जानकारी कई जगह साझा होती है। इससे कंपनी की पहचान बनती है। इस फ्यूज को विकसित करने का काम ओएफके में किया गया था।
डिफेंस एक्सपो में प्रदर्शन
इसका प्रदर्शन गुजरात में हुए डिफेंस एक्सपो में किया गया था। उस समय कई देशों के रक्षा विशेषज्ञ वहां पहुंचे थे। उन्होंने आयुध निर्माणियों में विकसित किए जा रहे एमुनेशन व दूसरे रक्षा उत्पादों को सराहा था। उसके बाद इनके ऑर्डर मिलना शुरू हुआ है। अभी छोटे और बडे़ हथियारों के साथ कलपुर्जाें की मांग बढ़ रही है। ऐसे में कई देशों के पास नया ऑर्डर आ रहा है।
फिर बड़ा लक्ष्य मिलेगा
फैक्ट्री को रक्षा कंपनियों ने नए वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्यों का निर्धारण शुरू कर दिया है। म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआइएल) के पुणे िस्थत मुख्यालय में इसकी योजना बनाई जा रही है। ओएफके से भी अधिकारी वहां पहुंचे हैं। सूत्रों ने बताया कि ओएफके को पिछली बार की तरह उत्पादन लक्ष्य मिलेगा। गत वित्तीय वर्ष में तीन हजार करोड़ के उत्पादन लक्ष्य की तुलना में फैक्ट्री ने एक हजार 414 करोड़ रुपए कीमत का एम्युनेशन तैयार किया था। इसमें कई प्रकार के एमुनेशन शामिल थे।