पेंशन के मामलों में ढिलाई बरतने पर जबलपुर में अफसरों का वेतन रोक दिया गया है। जबलपुर जिले के पेंशन कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों के साथ कर्मचारियों के वेतन भी रोक लगाई गई है। जिले के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
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जबलपुर जिले में रिटायर कर्मचारियों, अधिकारियों के पेंडिंग प्रकरणों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने यह सख्ती दिखाई है। जबलपुर में ऐसे 143 प्रकरण पेंडिंग हैं, रिटायर्ड अधिकारी कर्मचारी बार बार पेंशन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि पेंशन कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों को पेंडिंग प्रकरण निपटाने के बाद ही वेतन दिया जाएगा। वेतन रोकने संबंधी आदेश भी जारी कर दिए।
जबलपुर जिले में रिटायर कर्मचारियों, अधिकारियों के पेंडिंग प्रकरणों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने यह सख्ती दिखाई है। जबलपुर में ऐसे 143 प्रकरण पेंडिंग हैं, रिटायर्ड अधिकारी कर्मचारी बार बार पेंशन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि पेंशन कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों को पेंडिंग प्रकरण निपटाने के बाद ही वेतन दिया जाएगा। वेतन रोकने संबंधी आदेश भी जारी कर दिए।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि रिटायर होने के 7 दिन में ही कर्मचारी अधिकारी का पीपीओ जनरेट हो जाना चाहिए। ऐसे में अगले महीने से ही उसे पेंशन शुरु हो जाएगी।
ऐसे मामलों में जिले के आहरण और संवितरण अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि आहरण और संवितरण अधिकारी पेंशन कार्यालय में प्रकरण ही नहीं भेजते। यही कारण है कि रिटायर होने के बाद अधिकारियों कर्मचारियों को रोज पेंशन कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं।