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जबलपुर

डिफेंस लैंड की बाधा दूर, 9 साल बाद परियट नदी पर बनेगा पुल

वर्धाघाट में दोनों तरफ रुका था रैम्प का काम, मप्र शासन को भूमि ट्रांसफर

जबलपुरSep 01, 2023 / 12:00 pm

gyani rajak

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जबलपुर . वर्धाघाट में परियट नदी पर अधूरे पुल का निर्माण अब हो सकेगा। डिफेंस लैंड के कारण यह काम अटका हुआ था। रक्षा संपदा कार्यालय और मध्यप्रदेश शासन के बीच समन्वय होने के बाद बाधा दूर गई है। कुछ औपचारिकताओं के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। इसका फायदा 15 गांवों के हजारों लोगों को होगा। इन गांव का संपर्क बारिश के कारण नहीं कटेगा।

190 लाख रुपए का बजट स्वीकृत

मटामर के पास परियट नदी पर उच्चस्तरीय पुल का निर्माण इसलिए किया जा रहा था क्योंकि बारिश में जैसे ही जलस्तर बढ़ता है, यहां बना रपटा डूब जाता है। इस पर 8 से 10 फीट तक पानी रहता है। ऐसे में लोग चाहकर भी शहर नहीं आ पाते थे। उच्च स्तरीय पुल के निर्माण को मंजूरी दी गई थी। इसके लिए 190 लाख रुपए का बजट स्वीकृत हुआ। 18 सितंबर 2015 को इसका भूमिपूजन हु़आ। इसे जुलाई 2016 में बनकर तैयार हो जाना था। मगर यह 9 साल बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है।

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ओएफके की तरफ निर्माण रुका

इस पुल के रैम्प और एप्रोच रोड का निर्माण ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) की तरफ से रुका हुआ था। यहां डिफेंस लैंड थी, उस पर कोई भी निर्माण रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बगैर नहीं होता। ऐसे में दोनों तरफ रैम्प नहीं बनाए गए। निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण चाहकर कुछ नहीं कर पा रहा था। लेकिन अब यह बाधा दूर हो गई हैं।

 

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राज्य शासन को जमीन ट्रांसफर

जितने भाग में पुल से ओएफके की तरफ एप्रोच रोड बनना है। इसके लिए 1294.94 वर्गमीटर डिफेंस लैंड का ट्रांसफर मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को ट्रांसफर कर दी गई है। इसके बदले बाजार मूल्य पर 11 लाख 65 हजार रुपए की राशि प्रदेश शासन की तरफ से रक्षा मंत्रालय को दी गई है। इन गांवों को होगा फायदा मटामर, सुंदरपुर, सोनपुर, रिठौरी, तिलगवां, घाना, गाजर, बंधी, छित्री, हाथीडोल, एलपीआर, पहारा, मझगवां, टोला, पौड़ा-पौड़ी आदि।
परियट नदी पर बने पुल की एप्रोच रोड़ के लिए डायरेक्ट्रेट ऑफ ऑर्डनेंस (को-ऑर्डिनेशन एंड सर्विस) के जरिए 1294 वर्गमीटर डिफेंस लैंड मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को ट्रांसफर कर दी गई है।

राजीव कुमार, रक्षा संपदा अधिकारी

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