जबलपुर

प्राचार्यों सहित 36 शिक्षकों को नोटिस, रुकेंगे इंक्रीमेंट

दसवीं बोर्ड परीक्षा में खराब परीक्षा परिणाम पर कार्रवाई

जबलपुरJul 27, 2019 / 07:11 pm

sudarshan ahirwa

Copies will be tested between WHO’s guide line

जबलपुर. माध्यमिक शिक्षा मंडल की 2018-19 में आयोजित 10वीं बोर्ड परीक्षा में खराब परिणाम देने वाले 36 स्कूलों के प्राचार्यों सहित शिक्षकों को आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं। इनकी तीन से चार वेतन वृद्धियां भी तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हडक़म्प है।

इन प्राचार्यों की रोकीं तीन वेतनवृद्धि
प्राचार्य हाईस्कल बडख़ेरा ताहिर सिंह मार्को, प्राचार्य हाईस्कूल गड़ाघाट आशोक कुमार लाडिय़ा, प्राचार्य उमावि बालक कटंगी संध्या रैकवार, प्राचार्य उमावि अगरिया कमल सिंह मरकाम, प्राचार्य उत्कृष्ट कुंडम पीएस मरावी, प्राचार्य उमावि सिंगौद दुलीचंद उइके, प्राचार्य उत्कृष्ट शहपुरा जयश्री पुराविया, हाईस्कूल कस्तरा एमएल झारिया, प्राचार्य हाईस्कूल कटियाघाट विनीता राय, प्राचार्य हाइस्कूल मुडिया मड़ौद नीलम तिवारी।

इन प्राचार्यों की दो वेतनवृद्धि रोकीं
प्राचार्य हाईस्कूल घाट पिपरिया उपमा पांडे, हाईस्कूल मुरई भग्गू सिंह परस्ते, हाइस्कूल गुरहा दिलीप कुमार गुप्ता, हाईस्कूल सकरा आशीष पांडे, हाईस्कूल छत्तरपुर हेलन डिसूजा, हाईस्कूल बजरंग नगर आभा मेश्राम, उमावि सरस्वती कुमरे, उमावि रानीताल भीम राम बरला, उमावि भीटा फुलर कोकिला नायडू, उमावि बोरिया निर्मला कछवाहा, उमावि बडकल अखिलेश सिन्हा, उमावि बिजोरी रक्षिता मिश्रा, उमावि बघराजी एचसी मरावी, उमावि खितौला बाजार मुकेश तिवारी, उमावि कन्या कुंडम सुधा लता गुप्ता, उमावि इंद्राना मंजू तिवारी,उमावि कुबरहट रत्नेश शर्मा, उमावि इमलिया रजा संजय टैगौर।

इन वरिष्ठ अध्यापकों पर भी कार्रवाई
शासकीय उमावि मझगंवा व्याख्याता गुरु प्रसाद चतुर्वेदी, वरिष्ठ अध्यापकों में उमावि जमगांव घसीटे राम झारिया, हाईस्कूल झिरिया राजेंद्र सिंह मारको, उमावि कटरा बेलखेड़ा परमेश्वर सिंह प्रधान, उमावि कुंभी सतधारा पीके दीवान,हाईस्कूल तिलसानी दिलीप सिंह परस्ते, हाईस्कूल नीची संजीव कुमार सेन, उमावि कैमोरी मुरालिया धुर्वे।

शिक्षा विभाग की छवि धूमिल
बताया जाता है दसवीं कक्षा में राज्य का औसत परीक्षा परिणाम 62.05 प्रतिशत रहा है। जबकि, जबलपुर जिले स्कूलों का परीक्षा परिणाम 6 फीसदी से लेकर 30 फीसदी के अंदर सिमट गया था। विभाग ने कहा कि स्कूलों के खराब परीक्षा परिणाम से प्रदेश का परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हुआ है, जिससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है, जो अनुशासन हीनता में आता है। मप्र सिविल सेवा नियम के अंतर्गत नोटिस जारी किए गए हैं।

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