जिसने भी देखा यही कहता रहा एक बार और मां नर्मदा के दर्शन हो जाए। मां नर्मदा के तट पर प्रत्यक्ष मां नर्मदा प्रकट हो गई। कुछ ऐसा ही भाव लिए मां नर्मदा अष्टक का नृत्य रूप प्रस्तुत किया गया। नृत्यांजलि संस्था की छात्राएं डॉक्टर शैली धोपे के निर्देशन में नर्मदा अष्टक की प्रस्तुति दे रही थी। इसके बाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ और मुख्य अतिथियों के गणमान्य नागरिकों द्वारा लघु फिल्म का विमोचन का लोकार्पण किया गया।
जिसमें बताया गया कि नर्मदा भक्तों सहित अन्य लोगों द्वारा जाने अनजाने में नर्मदा को प्रदूषित किया जा रहा है। लोगों को चेतना होगा और मां नर्मदा को प्रदूषण से बचाने के लिए भी प्रेरित किया गया। शैली धोपे ने बताया कि उनकी प्रस्तुति के बाद लोगों ने एक बार और एक बार और के लिए प्रस्तुति की बात कही लेकिन समय अभाव के चलते नहीं हो सका। नर्मदा अष्टक की प्रस्तुति पिछले 15 दिन की तैयारी की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में नर्मदा भक्त मौजूद थे।
जिसमें बताया गया कि नर्मदा भक्तों सहित अन्य लोगों द्वारा जाने अनजाने में नर्मदा को प्रदूषित किया जा रहा है। लोगों को चेतना होगा और मां नर्मदा को प्रदूषण से बचाने के लिए भी प्रेरित किया गया। शैली धोपे ने बताया कि उनकी प्रस्तुति के बाद लोगों ने एक बार और एक बार और के लिए प्रस्तुति की बात कही लेकिन समय अभाव के चलते नहीं हो सका। नर्मदा अष्टक की प्रस्तुति पिछले 15 दिन की तैयारी की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में नर्मदा भक्त मौजूद थे।