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ये प्रजातियां है शहर में
जबलपुर शहर में कोबरा, करैत, रसैल वायपर, सॉ- स्केल्ड वाइपर, धामन, अजगर, सुकरी, ट्रिंकेट, बुल्फ स्नेक,ब्रॉजबैक, ट्रीस्नेक, पन्हियल, सेंड बोआ, चिटी, रैंड सेंड,ब्लाइंड स्नैक जैसी अन्य प्रजातियां। विशेषज्ञों के अनुसार कई बार प्रदेश से बाहर की भी प्रजातियां शहर आई हैं। इसकी एक वजह सपेरों द्वारा अपने साथ लाए गए सांप रहे हैं। वन विभाग द्वारा पकड़े जाने के बाद सांपों को जंगलों में छोड़ा गया। इससे कुछ नई प्रजातियों ने भी शहर में जन्म लिया।
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वन विभाग के रेस्क्यू सदस्य गुलाब सिंह ठाकुर के अनुसार सभी सांप जहरीले नहीं होते लेकिन इनका डर लोगों में होता है। इस कारण इन्हें देखते ही मार दिया जाता है, लेकिन यह भी ईको सिस्टम का एक हिस्सा हैं। पर्यावरणविद् शंकरेंदु नाथ ने बतया कि देश के कई राज्यों में सांपों का अवैध रूप से व्यापार होता है। इनके जहर दवाएं भी बनाई जाती हैं। नतीजतन सांपों को मारने-पकड़ने के कारण कई प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं।