इस परियोजना के तहत प्रत्येक अदालत परिसर में और प्रत्येक अदालत कक्ष के भीतर वीडियो निगरानी प्रणाली सक्रिय रहेगी। इसके साथ ही उपयोग के साथ द्वारों, प्रांगण (पार्किंग स्थानों), भवन प्रवेश स्थलों, अदालत कक्ष प्रवेश द्वारों, अदालत कक्षों, मार्गों और अन्य सार्वजनिक एकत्रीकरण की 24 घंटे निगरानी उन्नत मेगापिक्सेल आईपी कैमरों का एकीकरण, आईवीएसएस, क्लास और केस ट्रैकिंग और प्रबंधन प्रणाली वर्तमान में मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में उपयोग में है।
परियोजना के तहत ऑन-डिमांड वीडियो मॉनिटरिंग और ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग रिकॉर्ड रूम के लिए जबलपुर में एक अत्याधुनिक कमांड और डेटा सेंटर स्थापित किया गया है। स्थानीय निगरानी के लिए स्थानीय जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष व दूरस्थ सुरक्षा कैमरे, न्यायाधीश कक्षों और डेटा केंद्रों के लिए बायोमेट्रिक (चेहरे) पहुंच नियंत्रण वाले उपकरण लगाए गए हैं। वहीं, आगंतुकों की स्क्रीनिंग के लिए दरवाजे के फ्रेम और हाथ से पकड़े जाने वाले मेटल डिटेक्टरों का उपयोग परियोजना की विशेषताओं में शामिल है। वहीं, इंदौर में आपदा रिकवरी सेट-अप के साथ अलार्म मॉनिटरिंग स्थापित किया गया है।
पायलट चरण के तहत, जबलपुर के जिला न्यायालय और पाटन के तहसील न्यायालयों में एक एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली (आईवीएसएस) चालू की गई है। साथ ही सिहोरा में कोर्ट रूम लाइव ऑडियो विजुअल स्ट्रीमिंग सिस्टम (क्लास) का कार्यान्वयन जबलपुर जिला न्यायालय के एक कोर्ट रूम और पाटन और सिहोरा के प्रत्येक तहसील न्यायालय के एक कोर्ट रूम में भी पूरा हो गया है। यह प्रयोग सफल रहा है और अब परियोजना का राज्यव्यापी कार्यान्वयन दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
– एकीकृत वीडियो प्रबंधन प्रणाली
– कोर्ट रूम ऑडियो-विज़ुअल रिकॉर्डिंग सिस्टम
– संग्रह और लाइव के साथ-साथ ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सेट-अप
– जबलपुर में डेटा सेंटर एवं कमांड एवं कंट्रोल सेंटर की स्थापना
– इंदौर में डिजास्टर रिकवरी सेट-अप
– सुविधा प्रबंधन सेवाएँ और संचालन एवं रखरखाव