जबलपुर

मप्र पुलिस के ये नंबर भूल कर भी मत लगाना, जानें पूरा मामला

महिला सम्बंधी अपराध कम करने के प्रयास कागजों में, हेल्पलाइन हुईं असहाय, छेडख़ानी को लेकर मुस्तैदी भी घटी

जबलपुरFeb 15, 2018 / 10:46 am

Lalit kostha

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जबलपुर. छात्राओं और युवतियों से छेड़खानी, धमकी और अपहरण की वारदातें शहर में आम हो रहीं हैं। महिला सम्बंधी अपराधों के ग्राफ में दिन-ब-दिन बढ़ोत्तरी हो रही है, इन्हें कम करने के लिए पुलिस फील्ड में काम करने की बजाय लिए कागजी घोड़े दौड़ाने में मशगूल है। महिलाओं और युवतियों के लिए चलाई जाने वालीं हेल्पलाइन हेल्पलैस हो गई हैं, वहीं सड़कों तक से पुलिस नदारत रहती है। मदद के नाम पर जब भी कोई इन नंबरों और एप का उपयोग करता है तो उसे मौके पर कोई मदद भी नहीं मिल रही है। ऐसे में पुलिस की महिला सुरक्षा को लेकर कार्यप्रणाली केवल दिखावा बनकर रह गई है।

न एप की जानकारी, न हुआ पर्याप्त प्रचार
पुलिस द्वारा महिलाओं और छात्राओं के लिए कई तरह की हेल्पलाइन और एप संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन ये पुलिस अधिकारियों और जवानों के मोबाइल तक ही सीमित हैं। उचित प्रचार-प्रसार न होने के कारण महिलाओं और युवतियों को इनकी जानकारी तक नहीं है।

तीन थाने, एक महिला डेस्क
प्रत्येक तीन थानों में एक महिला डेस्क है। यहां तैनात महिला पुलिस अधिकारी और जवान नियत समय पर आते हैं और चले जाते हैं। इसके अलावा इस डेस्क का कोई और काम ही नहीं रह गया।

स्कूल-कॉलेजों के बाहर से नदारत
थाना क्षेत्र के महिला स्कूल और कॉलेजों के आसपास पुलिस अधिकारियों को गश्त करने और शोहदों पर कार्रवाई के निर्देश आम हो गए हैं, लेकिन थानों की पुलिस एेसा करने से बचती है। जब तक कोई वारदात न हो जाए, पुलिस महिला स्कूल कॉलेजों के आसपास तक नहीं जाती। एेसे में अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

इनसे किया किनारा
– स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को जागरूक किया जाना।
– स्कूल-कॉलेज के बाहर नियमित गश्त की जाती थी।
– कोड रेड द्वारा स्कूल कॉलेज के आसपास शोहदों पर की जाती थी कार्रवाई।
– शिक्षण संस्थानों के आसपास चाय-पान के ठिकानों पर पुलिस की कार्रवाई।
– कॉलेजों से शिकायत पेटियां हो गईं गायब।

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