दरअसल, पूरा मामला चरगवां थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। यहां पर 30 अक्टूबर की रात को खेत में मनोज सिंह नाम के एक आदिवासी की लाश मिली थी। मनोज की हत्या तब से रहस्य बनी हुई थी। क्योंकि मनोज का किसी से कोई विवाद नहीं था और ना ही कोई लूटपाट हुई थी। ऐसे में मनोज की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी रही थी। पुलिस के पास केवल सबूत के तौर पर एक लकड़ी ही थी। जिससे मनोज की हत्या की गई थी।
मक्खी की एंट्री से खुली पोल
पुलिस ने पूरे मामले में करीब 50 लोगों से पूछताछ की। आखिरी बार मृतक मनोज सिंह के साथ उनका भतीजा धर्म सिंह देखा गया था, लेकिन धर्म सिंह पर किसी को शक नहीं था। क्योंकि वो पुलिस कदम-कदम पर साथ दे था। मामले की जांच करने के दौरान सुनील नेमा और थाना प्रभारी अभिषेक प्यासी की नजर धर्म के कपड़ों पर पड़ी तो उन्होंने देखा कि उसके ऊपर मक्खियां बैठी हुई हैं। फौरन ही पुलिस को धर्म के ऊपर शक हो गया तो उन्होंने धर्म के कपड़े उतरवाए तो देखा कि शर्ट पर खून के धब्बे ही धब्बे ही थे।
पूछताछ में बताई हत्या की वजह
पुलिस को धर्म सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसका चाचा मनोज सिंह से शराब पीने के लिए पैसे को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। तभी धर्म ने अपने चाचा पर लकड़ी से हमला कर दिया। इस हमले में मनोज के शरीर से ज्यादा खून बहने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।