22 से 26 अगस्त तक च्वाइस फिलिंग की जाएगी। 29 अगस्त को सीटें अलॉट की जाएंगी। पिछले एजुकेशनल सेशन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (एनएससीबीएमसी) में एमबीबीएस में 606 नंबर तक लाने वाले केटेगिरी के छात्र-छात्राओं को एडमिशन दिया गया था।
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-पिछले साल रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में अनारक्षित श्रेणी में छात्रों को 609 अंक तक प्रवेश मिला था।
-सतना सरकारी मेडिकल कॉलेज में अनारक्षित वर्ग में प्रदेश में सबसे कम अंक (563) और अनुसूचित जनजाति वर्ग में 339 अंक पर प्रवेश हुए थे।
-पढ़ाई के लिए छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता देते हैं। इस बार सरकारी मेडिकल कालेजों में प्रवेश के अंक (कटऑफ) और अधिक बने रहने की उम्मीद है।
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा को प्राथमिकता
-अंचल में जबलपुर के साथ ही श्याम शाह मेडिकल कॉलेज (एसएसएमसी) रीवा में प्रवेश को छात्र-छात्राएं प्राथमिकता देते हैं।-पिछले साल रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में अनारक्षित श्रेणी में छात्रों को 609 अंक तक प्रवेश मिला था।
-सतना सरकारी मेडिकल कॉलेज में अनारक्षित वर्ग में प्रदेश में सबसे कम अंक (563) और अनुसूचित जनजाति वर्ग में 339 अंक पर प्रवेश हुए थे।
-पढ़ाई के लिए छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता देते हैं। इस बार सरकारी मेडिकल कालेजों में प्रवेश के अंक (कटऑफ) और अधिक बने रहने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश के 15 कॉलेजों में से 8 अंचल में
मध्य प्रदेश में भोपाल एम्स समेत 18 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इसमें 7 सरकारी मेडिकल कॉलेज अंचल में हैं। इसमें जबलपुर समेत रीवा, सागर, छिंदवाड़ा, शहडोल, सतना और सिवनी में मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें जबलपुर में सबसे अधिक एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। जबलपुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज भी है। यह भी पढ़ें- साइकिल चोरी के शक में घर पर फेंका बम, परिवार के 4 लोग हमले में गंभीर घायल, इलाके में हड़कंप