मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद पाठक ने राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन अशोक तिवारी को आयोग का अध्यक्ष बनाए रखने का आदेश देते हुए उनकी जबरन सेवानिवृत्ति पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। इस केस की अगली सुनवाई जनवरी में रखी गई है।
यह भी पढ़ें: पर्ची में कैसे बता देते लोगों की समस्याएं और निदान, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद खोला राज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद पाठक की एकलपीठ ने राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन अशोक तिवारी की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में तिवारी ने आरोप लगाया कि उन्हें गलत तरीके से हटाया गया, सरकार के इस फैसले को उन्होंने असंवैधानिक बताया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद अशोक तिवारी की जबरिया सेवानिवृत्ति पर रोक लगा दी। एकलपीठ ने आगामी आदेश तक अशोक तिवारी को ही आयोग के चेयरमैन के पद पर बरकरार रखने के निर्देश दिए। उनके स्थान पर श्रीकांत पांडे को प्रभारी बनाने के आदेश पर भी रोक लगाई। मामले में राज्य सरकार और अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
अशोक तिवारी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाईकोर्ट के न्याय दृष्टांत के आधार पर बताया कि आयोग के चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल 67 साल होना चाहिए जबकि उन्हें 65 साल में ही सेवानिवृत्त कर दिया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि उनके स्थान पर एक कनिष्ठ अधिकारी को आयोग का प्रभारी नियुक्त किया गया है।