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सुनवाई के बाद कोर्ट ने किया साफ
जानकारी के मुताबिक, यह याचिका मोना ठाकुर ने दायर की थी, जो जबलपुर(Jabalpur) निवासी हैं। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके पिता गणेश प्रसाद शासकीय सेवा में थे और उनके निधन के बाद उसकी मां को फैमिली पेंशन(Family Pension) प्राप्त हो रही थी। मां के 19 मार्च, 2003 को निधन के बाद मोना ने फैमिली पेंशन का लाभ पाने के लिए अदालत में गुहार लगाई थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद साफ किया कि 24 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद अविवाहित पुत्री फैमिली पेंशन की पात्रता नहीं रखती।