जबलपुर

वेतन वृद्धि के लिए तय की 60 दिन की समय सीमा, एमपी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, जारी किया आदेश

MP High Court हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि तय 60 दिन की समय सीमा में हर हाल में वेतन वृद्धि कर दें।

जबलपुरNov 01, 2024 / 03:42 pm

deepak deewan

MP High Court

मध्यप्रदेश में वेतन वृद्धि पर जबलपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। कोर्ट ने एक याचिका पर कर्मचारी को वेतन वृद्धि का लाभ देने का आदेश दिया है। एक सेवानिवृत्त कर्मचारी की याचिका पर यह फैसला सुनाया गया है। हाईकोर्ट वेतन वृद्धि के लिए 60 दिन की समय सीमा भी तय की और कहा कि इस अवधि में हर हाल में वेतन बढ़ोत्तरी का लाभ दें। भारतीय जीवन बीमा निगम यानि एलआईसी की सेवानिवृत्त कर्मचारी ने जबलपुर हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई थी जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अहम फैसला दिया।
30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होनेवाले सरकारी कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देना अनिवार्य है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। महज 1 दिन पहले रिटायर हो जाने के कारण कर्मचारियों को वेतन वृद्धि से वंचित रखा जा रहा है। ऐसे ही एक केस में हाईकोर्ट ने भारतीय जीवन बीमा निगम को अपने पूर्व कर्मचारी को वेतन वृद्धि देने का आदेश दिया।
जबलपुर निवासी मीना निगम की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। वे 8 साल पहले भारतीय जीवन बीमा निगम से सेवानिवृत्त हो गई थीं। 2016 में रिटायरमेंट के बाद उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया क्योंकि वे 30 जून को सेवानिवृत्त हो गई थीं जबकि 1 जुलाई को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाता है।
मीना निगम ने जबलपुर हाईकोर्ट में एलआईसी के खिलाफ याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 30 जून को सेवानिवृत्त हुई मीना निगम को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने को कहा। कोर्ट ने इसके लिए 60 दिन की समय सीमा भी तय की है। जबलपुर हाईकोर्ट ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लेख किया जिसमें 30 जून या 31 दिसंबर को
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 1 जुलाई या 1 जनवरी को मिलनेवाली वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने का प्रावधान है।
इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने पिछले माह भी प्रदेश के अलग अलग विभागों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की याचिका पर उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ देने के लिए कहा था। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सरकार को कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने के निर्देश दिए थे।
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वन विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, कृषि विभाग, पुलिस विभाग, जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने यह याचिका लगाई थी। कर्मचारियों का कहना था कि सिर्फ एक दिन पहले रिटायरमेंट की वजह से उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि देने से वंचित कर दिया गया।
याचिका में बताया गया कि कर्मचारियों को 1 जुलाई को और 1 जनवरी को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाता है।
याचिकाकर्ता 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर हुए जिसके कारण उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया।इस पर युगलपीठ ने 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत कर्मचारियों को भी वेतन वृद्धि देने का आदेश जारी किया। पीठ ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के संबंधित आदेश का भी हवाला दिया था।

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