हाईकोर्ट ने इसी के साथ पत्नी की अपील निरस्त कर दी। कोर्ट ने इस मामले में कुटुम्ब न्यायालय द्वारा पारित तलाक के आदेश को उचित ठहराया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि दंपति काफी समय से अलग रह रहे हैं और इस स्थिति में कोई एक तलाक चाहता है, तो विवाह टूटा माना जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें : एमपी के तीर्थयात्रियों के साथ भीषण हादसा, बेकाबू हो गई गंगोत्री जा रही बस, मच गई चीख पुकार सीधी निवासी महिला ने कुटुम्ब न्यायालय सतना द्वारा जारी तलाक के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। महिला का विवाह 2013 में रीति-रिवाज के साथ हुआ लेकिन शादी के तीन दिन बाद ही वह मायके लौट आई। ससुराल वाले लेने आए तो उसने जाने से इंकार कर दिया। महिला के मुताबिक उसे पति पसंद नहीं था, घरवालों के दबाव में शादी कर ली थी। पति ने बताया कि शादी के बाद पत्नी सिर्फ तीन दिन ही रूकी। इस अवधि में भी दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित नहीं हुए थे।
बाद में महिला ने पति के विरुद्ध घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज करा दिया। इस पर पति ने कुटुम्ब न्यायालय सतना में तलाक के लिए आवेदन किया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद कुटुम्ब न्यायालय द्वारा पारित आदेश को उचित ठहराते हुए महिला की अपील निरस्त कर दी।