बयानबाजी से बच रहे दोनों दल
जिले को लेकर सिहोरा के नागरिकों ने लगातर विरोध प्रदर्शन व आंदोलन किए। प्रदर्शन और बहिष्कार के बीच अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया। अब जनता भले ही इस मुद्दे पर मौन है लेकिन अंदर ही अंदर आग सुलगने की आशंका के फेर में कोई भी राजनीतिक दल इस पर खुल कर बात करने को तैयार नहीं है। दोनों प्रमुख पार्टी के नेता बयानबाजी से भी बच रहे हैं।
2003 से है भाजपा का कब्जा
सिहोरा विधानसभा में पिछले 9 चुनावों का आंकलन करें तो 1980, 1985 में कांग्रेस का कब्जा रहा है। 1990 और 93 में भाजपा ने जीत दर्ज की। 1998 में कांग्रेस ने वापसी की। यह सीट भाजपा से छीनी। लेकिन 2003 में यह सीट फिर भाजपा के खाते में आ गई। परिसीमन के बाद 2008 में सामान्य से अनुसूचित जनजाति के लिए यह सीट आरक्षित हुई। इसके बाद से यहां भाजपा ही चुनाव जीत रही हे।
साल- 1980
कांग्रेस मंजू राय 21075
भाजपा धन्य कुमार जैन 13453
कांग्रेस 7622 मतो से जीती
साल- 1985
कांग्रेस मंजू राय 24130
भाजपा प्रभात पांडे 23004
कांग्रेस 1126 मतो से जीती
साल- 1990
भाजपा प्रभात पांडे: 46537
कांग्रेस मंजू राय : 27071
भाजपा 19466 मतो से जीती
साल-1993
भाजपा प्रभात पांडे :36063
कांग्रेस ब्रज बिहारी कुररिया: 31321
भाजपा 4742 मतो से विजयी
साल-1998
कांग्रेस नित्य निरंजन खंपरिया: 36471
भाजपा प्रभात पांडे 36471
कांग्रेस 2801 मतों से जीती
साल- 2003
भाजपा दिलीप दुबे 45553
कांग्रेस नित्य निरंजन खंपरिया 26051
भाजपा 19502 मतो से जीती
साल- 2008
भाजपा नंदनी मरावी 40780
कांग्रेस मुन्ना मरावी 24025
भाजपा 16755 मतो से जीती
साल- 2013
भाजपा नंदनी मरावी 63931
कांग्रेस जमना मरावी 48927
भाजपा 15004 मतो से जीती
साल-2018
भाजपा नंदनी मरावी 73,312
कांग्रेस खिलाडी सिंह आर्मो 66489
भाजपा 6,823 मतो से जीती