सेना के लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सूचना लीक होने के संदेह पर १२ फरवरी को सेना की तरफ से प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए। छोटी और महत्वपूर्ण सूचनाओं को इधर-उधर करने में इन्फॉरमेंशन टेक्नोलॉजी के उपकरणों का इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई है और इसी तथ्य को लेकर संदिग्ध सैन्य अफसर से पूछताछ और जब्त डाटा को खंगाला जा रहा है।
सूत्रों का कहना है, मिलिट्री इंटेलीजेंस (आईएम) टीम ने गुरुवार को भी लेफ्टिनेंट कर्नल से जीआरसी में कड़ी पूछताछ की और जानकारी ली जा रही है कि आखिर इस मामले में सावधानी क्यों नहीं बरती गई। गौरतलब है कि सेना में सोशल मीडिया पर सेना से जुडे़ अधिकारियों को सेना की वर्दी में फोटो या लोकेशन संबंधी सूचनाएं पोस्ट करने पर पाबंदी है। वे अपनी पर्सनल आईडी बनाकर इसमें सक्रिय रह सकते हैं, लेकिन इन गतिविधियों पर भी सेना की आईटी सेल कड़ी निगाह रखता है।
जानकारी के मुताबिक संदिग्ध सैन्य ऑफिसर की पत्नी भी आर्मी ऑफिसर है। ५०६ आर्मी बेस वर्कशॉप में होवित्जर बोफोर्स सहित अन्य गनों की मरम्मत और रखरखाव किया जाता है। सूत्रों का कहना है, स्वदेशी बोफोर्स तोप धनुष का फिलहाल सेना ओडिशा के बालासोर में परीक्षण कर रही है। इसके खरा पाए जाने के बाद इसे सेना में इस साल शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। संदिग्ध अफसर की ओर से जो सूचनाएं लीक करने की बात सामने आ रही है, वह सूचनाएं धनुष तोप से जुड़ी हुई हैं या नहीं, इसकी पुष्टि आधिकारिक तौर पर नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है, फिलहाल जांच की जा रही है।