शांति नगर निवासी १४ वर्षीय छात्रा कक्षा आठवीं की छात्रा है। शनिवार शाम वह घर के पास से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। काफी देर तक परिजनों ने उसे तलाशा, लेकिन जब पता नहीं चला, तो परिजन गोहलपुर थाने पहुंचे। पुलिस ने मामले में बहला-फुसलाकर अपहरण का प्रकरण दर्ज किया।
विजय समेत उसके परिवार और मोहल्ले के लोग रातभर पलक को तलाशते रहे। कोई बस स्टेण्ड पहुंचा, तो कोई रेलवे स्टेशन। आसपास के इलाकों के पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले, लेकिन पलक का पता नहीं चल सका। रविवार सुबह से फिर इलाके के लोग बड़ी संख्या में वहां जमा हो गए।
जानकारी लगते ही कोतवाली सीएसपी सीताराम यादव, गोहलपुर थाना प्रभारी केपी यादव, कोतवाली टीआई आरके मालवीय समेत भारी पुलिस बल वहां पहुंच गया। इस दौरान कुछ लोगों ने विजय के घर के बगल में रहने वाले झोलाछाप डॉक्टर जयानंद गोलकर व उसके परिवार पर संदेह जताया।
टीआई यादव महिला पुलिस अधिकारियों और जवानों के साथ डॉक्टर के घर पहुंचे। पहले तो डॉक्टर और उसके परिजनों ने घर की सर्चिंग कराने में आनाकानी की, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की, तो वे पीछे हो गए। पुलिस ने पूरे घर को तलाशा, लेकिन जब पुलिस किचिन में पहुंची, तो पुलिस अधिकारियों की भी आंखे फटी रह गईं। उन्होंने देखा कि छात्रा किचिन में रखे सिलेंडर के पीछे बोरे में दबी हुई थी।
पुलिस टीम ने बोरे हटाए, तो छात्रा बदहवास हालत में वहां मिली। पुलिस ने उसे तत्काल बाहर निकाला। इस दौरान घर के बरामदे में वहां रहने वाला प्रशांत सोनी व एक अन्य युवक पहुंच गए। उन्होंने विरोध किया, तो डॉक्टर के बेटे सूरज गोलकर ने उन पर चाकू से हमला कर दिया।
इससे भीड़ उग्र हो गई। भीड़ ने डॉक्टर के घर पथराव कर दिया। वहां मौजूद कांग्रेस नेता अनुराग जैन गढ़वाल व भाजपा पार्षद श्रीराम शुक्ला ने भीड़ को समझाया। जिसके बाद पथराव बंद हुआ। इस दौरान पुलिस आरोपित डॉक्टर जयानंद गोलकर, उसकी पत्नी अनीमा गोलकर बेटे सूरज व १४ वर्षीय बेटे को बाहर लेकर निकली, तो भीड़ उन पर भी टूट पड़ी। भीड़ ने गोलकर परिवार पर हमले का प्रयास किया, लेकिन वे नाकाम रहे। पुलिस जैसे-तैसे आरोपितों को निकालकर थाने ले गई।
पुलिस ने छात्रा से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह घर के पास थी। इस दौरान न जाने क्या हुआ कि वह बेहोश हो गई। उसे होश आया, तो वह गोलकर परिवार के घर में थी। उसे देखकर परिवार के सभी सदस्यों ने उसे धमकी दी कि यदि वह आवाज करेगी या किसी से कुछ कहेगी, तो वे उसे व उसके परिवार को जान से खत्म कर देंगें। इसके बाद उसे किचिन में बोरे के नीचे दबा दिया गया था।
छात्रा के परिजन और स्थानीय लोग रात में जब छात्रा की तलाश कर रहे थे, उस वक्त डॉक्टर भी उनके साथ था। वह रातभर पलक के परिजनों और उसकी तलाश में लगे लोगों को गुमराह करता रहा। उसने दिखावे के लिए कई लोगों को फोन भी लगाया, लेकिन जब सुबह उसकी करतूत सामने आ गई।
गोहलपुर थाना प्रभारी केपी यादव के अनुसार डॉक्टर गोलकर उसकी पत्नी अनीमा, बड़े बेटे सूरज और छोटे १४ वर्षीय बेटे पर बहला-फुसलाकर अपहरण व बंधक बनाने का मामला दर्ज किया गया है। वहीं प्रशांत सोनी की एफआईआर पर मारपीट और चाकूबाजी का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपित परिवार से पूछताछ की, लेकिन वे पुलिस को भी गुमराह करते रहे। चारों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।