सोमवार दोपहर से मटर की जबरदस्त आवक होना शुरू हो गई थी। दोपहर 3बजे के बाद हालात ये रहे कि भाव अचानक नीचे आने लगे थे। जिसके बाद व्यापारियों व किसानों के बीच तनाव बनने लगा था। चूंकि मटर गीला था, जिसके चलते व्यापारी बोली कम लगाने लगे थे। किसानों का कहना है कि उन्हें मंडी तक लाने में मटर 6 से 7 रुपए पड़ रहा है, ऐसे में दस रुपए से कम का भाव मिलने पर घाटा हो रहा है।
6500 गाडिय़ां फंसीं
मंडी परिसर में करीब 3000 गाडिय़ां कल दोपहर से फंसी हुई हैं, वहीं बाहर पाटन एवं कटंगी बायपास तक 3500 से ज्यादा गाडिय़ां किसानों ने खड़ी करवा रखी हैं। जिससे पूरा क्षेत्र जाम में कराह रहा है। रहवासियों के साथ-साथ अन्य व्यापारिक क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं। इन्हें खुलवाने या आमजनों को निकालने के लिए भी पर्याप्त पुलिस व्यवस्था मौके पर मौजूद नहीं है।
बंधक बना लिया पूरा क्षेत्र
मंगलवार सुबह 7 बजे किसानों का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने प्रशासनिक स्तर पर कोई सहयोग नहीं मिलने पर पूरे क्षेत्र को बंधक बना लिया। मटर गाडिय़ां सटाकर खड़ी कर दी गईं। दोपहिया वाहनों को भी निकलने नहीं दिया जा रहा है। स्टापर के साथ ही पत्थरों व लकडिय़ों को रखकर बंद कर दिया गया है। ऑफिस व अन्य कार्यों से जाने व निकलने वालों को भी नहीं निकलने दिया गया।
पानी छोड़ रहा मटर
बोरियों में बंद ताजा मटर समय बीतने के साथ ही गलना शुरू हो गया है। कई गाडिय़ों का मटर पानी छोडऩे लगा है। जिसके बाद उनका दाम मिलना भी मुश्किल हो गया है। जिससे किसानों की परेशानी बढऩे लगी है।